Election: ‘कोर्ट ने अंता के विधायक को काबिल नहीं माना’: पायलट का बयान



टोंक विधायक सचिन पायलट का अंता उपचुनाव पर बयान राजस्थान के टोंक विधायक सचिन पायलट ने हाल ही में अंता उपचुनाव को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि…

Election: ‘कोर्ट ने अंता के विधायक को काबिल नहीं माना’: पायलट का बयान

टोंक विधायक सचिन पायलट का अंता उपचुनाव पर बयान

राजस्थान के टोंक विधायक सचिन पायलट ने हाल ही में अंता उपचुनाव को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह ध्यान देने योग्य है कि अंता में उपचुनाव का आयोजन क्यों हो रहा है। पायलट के अनुसार, माननीय उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायालय ने वहां के विधायक को इस योग्य नहीं समझा कि वे अपनी पद पर रह सकें, जिसके चलते उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई।

पायलट का टोंक दौरा और विकास कार्यों का लोकार्पण

बुधवार को पायलट टोंक जिले के दौरे पर थे, जहां उन्होंने 3.82 करोड़ की लागत से बने सिंथेटिक रनिंग ट्रैक और मल्टीपरपज इंडोर स्टेडियम का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने अंता उपचुनाव को लेकर जनता से अपील की कि वे कांग्रेस प्रत्याशी को समर्थन देकर सरकार को सही रास्ता दिखाने का काम करें। पायलट का मानना है कि इस उपचुनाव में जनता का वोट एक महत्वपूर्ण संदेश हो सकता है।

कार्यक्रम के दौरान पायलट ने खिलाड़ियों से भी बातचीत की और उनके साथ अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, “खेल और युवा पीढ़ी का विकास ही हमारे समाज की प्रगति का आधार है।”

नशे की समस्या पर पायलट का जोरदार बयान

इस कार्यक्रम में पायलट ने नशे की समस्या पर भी गंभीरता से विचार किया। उन्होंने बताया कि जिले और प्रदेश में कई बच्चे और युवा नशे की लत में फंस चुके हैं। उन्होंने कहा, “नशे की लत एक गंभीर समस्या है, जिसका हमें सामूहिक प्रयासों से सामना करना होगा।” पायलट का मानना है कि अभी तक जो प्रयास नशामुक्ति के लिए किए गए हैं, वे नाकाफी हैं।

उन्होंने आगे कहा, “जब किसी व्यक्ति को नशे की लत लग जाती है, तो परिवार वाले इसे छुपाने की कोशिश करते हैं। मेरा हमेशा से प्रयास रहा है कि नशामुक्ति की दिशा में काम किया जाए। यदि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को इस समस्या से बचाने में असफल रहे, तो यह देश और समाज के लिए एक गंभीर संकट बन जाएगा।” इसीलिए, उन्होंने मल्टीपरपज इंडोर स्टेडियम और रनिंग ट्रैक जैसे आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है, ताकि युवा अपनी ऊर्जा का सही उपयोग कर सकें।

प्रदेश की वर्तमान स्थिति पर पायलट की चिंता

इस दौरान पायलट ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “आज प्रदेश की स्थिति सभी के सामने है। स्कूलों की छतें गिर रही हैं, अस्पतालों में आग लग रही है, और नकली दवाओं के सेवन से बच्चे मर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में एक टेंकर में आग लगने की घटना और अन्य दुर्घटनाओं ने सरकार की आपातकालीन सेवाओं और राहत कार्यों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पायलट ने कहा कि इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सरकार को चाहिए कि वह अपनी नीतियों में सुधार करे और जनता की वास्तविक समस्याओं का समाधान निकाले। उन्होंने जनता से अपील की कि वे आगामी उपचुनाव में अपने वोट के माध्यम से अपनी आवाज उठाएं।

निष्कर्ष

सचिन पायलट के बयान और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि सामाजिक भी हैं। नशे की समस्या, स्कूलों की बुनियादी ढांचे की स्थिति, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसे मुद्दे राजस्थान के लिए गंभीर चिंताएं बनी हुई हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम और बयानों से यह स्पष्ट होता है कि नेताओं को जनता की समस्याओं की गंभीरता से समझना और उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाना कितना आवश्यक है।

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