Light: वृंदावन में निराश्रित माताओं ने जलाए खुशी के दीप



सुलभ इंटरनेशनल का दीपावली कार्यक्रम: माताओं ने जलाए खुशी के दीप सुलभ इंटरनेशनल द्वारा आयोजित एक विशेष दीपावली समारोह में, वृंदावन के ऐतिहासिक गोपीनाथ मंदिर में सैकड़ों निराश्रित माताएं एकत्रित…

Light: वृंदावन में निराश्रित माताओं ने जलाए खुशी के दीप

सुलभ इंटरनेशनल का दीपावली कार्यक्रम: माताओं ने जलाए खुशी के दीप

सुलभ इंटरनेशनल द्वारा आयोजित एक विशेष दीपावली समारोह में, वृंदावन के ऐतिहासिक गोपीनाथ मंदिर में सैकड़ों निराश्रित माताएं एकत्रित हुईं। इस समारोह का उद्देश्य उन माताओं को सम्मानित करना था, जो सदियों से अपने पति को खोने के बाद सामाजिक मान्यताओं के कारण त्योहारों से वंचित रही हैं। इस खास अवसर पर माताओं ने रंग-बिरंगे दीये जलाकर न केवल दीपावली का जश्न मनाया, बल्कि अपने आत्मसम्मान और खुशी का भी प्रदर्शन किया।

दीपावली के इस समारोह का महत्व

भारत में, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, पारंपरिक रूप से विधवाओं को अशुभ माना जाता है। उन्हें त्योहारों और अन्य खुशी के अवसरों से वंचित रखा जाता है। लेकिन इस बार सुलभ इंटरनेशनल ने एक नई दिशा दी है। लगभग सौ से अधिक माताएं इस आयोजन में शामिल हुईं और ऐतिहासिक 500 साल पुराने गोपीनाथ मंदिर में दीप जलाए। यह समारोह न केवल माताओं के लिए, बल्कि समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश भी था कि सभी को समानता और सम्मान मिलना चाहिए।

कार्यक्रम में माताओं का उत्साह

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुलभ इंटरनेशनल की कार्यकारी संयोजक श्रीमती नित्या पाठक ने कहा कि यह पवित्र भूमि राधा-कृष्ण की है, जहाँ प्रेम, भक्ति और करुणा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि जब हम दीप जलाते हैं, तो यह केवल पूजा का नहीं, बल्कि समानता, आत्मसम्मान और आशा का प्रतीक होता है। माताओं ने इस अवसर पर न केवल दीप जलाए, बल्कि एकजुटता और प्रेम का संदेश भी दिया।

गोबर दीप का विशेष उपयोग

इस वर्ष की दीपावली में एक विशेषता थी कि गोबर दीप का उपयोग किया गया। यह पर्यावरण संरक्षण, गौ-सेवा और ग्रामीण परंपरा का प्रतीक है। श्रीमती नित्या पाठक ने साझा किया कि उनके पिता, डॉ. बिंदेश्वरी पाठक का सपना था कि दीपावली की रोशनी हर घर और हर हृदय में समान रूप से दिखे। उन्होंने कहा, “आज हमारी ये माताएं मुस्कुरा रही हैं, दीप जला रही हैं और आत्मसम्मान के साथ जीवन जी रही हैं, यही सच्ची दीपावली है।”

सुलभ इंटरनेशनल का समर्थन

श्रीमती नित्या पाठक ने माताओं को विश्वास दिलाया कि सुलभ परिवार हर पर्व जैसे रक्षाबंधन, होली या दीपावली उनके साथ मिलकर मनाएगा। यह एक ऐसा संदेश है जो न केवल माताओं के लिए, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक है। इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि जब हम एकजुट होते हैं, तो हम किसी भी सामाजिक बुराई को समाप्त कर सकते हैं और एक बेहतर समाज की रचना कर सकते हैं।

समाज में बदलाव की आवश्यकता

इस तरह के आयोजनों से यह स्पष्ट होता है कि समाज में बदलाव की आवश्यकता है। महिलाओं की स्थिति को सुधारने और उन्हें अधिकार देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। सुलभ इंटरनेशनल की इस पहल ने यह दिखाया है कि जब हम एक-दूसरे का साथ देते हैं, तो हम मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। इस दीपावली ने माताओं को एक नई रोशनी दी है और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।

समापन विचार

दीपावली का यह समारोह केवल एक त्यौहार नहीं था, बल्कि एक आंदोलन था जो समाज में समानता, प्रेम और सहानुभूति का संचार करता है। इस दीपावली, सुलभ इंटरनेशनल ने उन माताओं को एक मंच प्रदान किया, जो लंबे समय से उपेक्षित थीं। उनका यह कदम हमें याद दिलाता है कि हर एक व्यक्ति, चाहे वह कितनी भी कठिनाई में क्यों न हो, अपने जीवन में खुशियों का अधिकार रखता है।

आगे बढ़ते हुए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने आसपास के लोगों के लिए ऐसे ही सकारात्मक कदम उठाएं और समाज में बदलाव के लिए प्रयासरत रहें।

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