Abduction: मऊगंज में शिक्षक ने लगाया 2 लाख लूटने का आरोप



मध्य प्रदेश: सरकारी शिक्षक का अपहरण और लूट का मामला मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले से एक चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसमें एक सरकारी शिक्षक ने पुलिस अधीक्षक (एसपी)…

Abduction: मऊगंज में शिक्षक ने लगाया 2 लाख लूटने का आरोप

मध्य प्रदेश: सरकारी शिक्षक का अपहरण और लूट का मामला

मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले से एक चिंताजनक घटना सामने आई है, जिसमें एक सरकारी शिक्षक ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) से अपहरण और लूट की शिकायत की है। यह घटना तब हुई जब शिक्षक प्राणनाथ साकेत, जो कि कन्या हनुमना के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत हैं, को दो अज्ञात व्यक्तियों ने खेत में मिट्टी डालने के लिए बुलाया था।

घटना का विवरण: धमकी और अपहरण

प्राणनाथ ने बताया कि 28 सितंबर को उनके घर पर दो लोग आए और खेत में मिट्टी डालने के लिए कहा। उन्होंने मना कर दिया, लेकिन अगले दिन सुबह लगभग 8:30 बजे, वही लोग फिर से आए और उन्हें खेत में जेसीबी मशीन से काम करने का दिखाने के लिए कहा। जब वह मौके पर पहुंचे, तो न तो कोई जेसीबी थी और न ही मिट्टी का काम हो रहा था। इस दौरान उनकी उन लोगों से कहासुनी हुई, तभी छह अन्य लोग भी वहां आ गए।

37 लाख रुपये की रंगदारी की मांग

इन लोगों ने शिक्षक को धमकी दी कि उन्हें **37 लाख रुपये** देने होंगे, अन्यथा उनके पूरे परिवार को खत्म कर दिया जाएगा। शिक्षक ने उनकी बात को सुनकर हाथ जोड़कर अपनी असमर्थता जताई और कहा कि उनके पास इतनी बड़ी राशि नहीं है। बदमाशों ने उन्हें पैसे की व्यवस्था करने और किसी को भी इस घटना के बारे में न बताने की धमकी दी।

जबरन मोटरसाइकिल पर ले जाना

इसके बाद, बदमाशों ने शिक्षक को जबरन मोटरसाइकिल पर बिठा लिया और खटखरी ले गए। रास्ते में शिक्षक ने अपने जानकार व्यापारी राजेंद्र गुप्ता को फोन किया और उन्हें अपनी परेशानी बताई, जिसके बाद व्यापारी ने 2 लाख रुपये देने की सहमति जताई। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि पहले हनुमना तहसील में एक औपचारिकता पूरी करनी होगी।

हनुमना तहसील में दस्तावेज तैयार करना

बदमाश शिक्षक को लेकर हनुमना तहसील पहुंचे, जहां नोटरी स्टांप पेपर पर दस्तावेज तैयार किए गए। व्यापारी ने शिक्षक को **2 लाख रुपये** नकद दिए, लेकिन जैसे ही वे तहसील से बाहर निकले, शाहपुर मोड़ पर बदमाशों ने शिक्षक से पूरी राशि छीन ली और मौके से फरार हो गए। यह घटना न केवल एक गंभीर अपराध है, बल्कि यह उस स्थिति को भी उजागर करती है, जिसमें लोग सुरक्षा के बिना जीने को मजबूर हैं।

शिकायत करने का प्रयास और पुलिस की अनसुनी

डर और जान से मारने की धमकी के चलते, शिक्षक ने तुरंत पुलिस को घटना की जानकारी नहीं दी। बाद में उन्होंने शाहपुर और हनुमना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। अंततः, शिक्षक ने बुधवार शाम को एसपी दिलीप सोनी के कार्यालय में जाकर पूरी घटना की जानकारी दी।

पुलिस प्रशासन की कार्रवाई

एसपी दिलीप सोनी ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए शाहपुर थाना प्रभारी अजय खोबरागड़े को जांच करने का आदेश दिया है। इस घटना ने न केवल शिक्षक को, बल्कि पूरे समाज को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे समाज में सुरक्षा वास्तव में है या नहीं।

समाज में सुरक्षा और न्याय का सवाल

यह घटना यह दर्शाती है कि हमारे समाज में **अपराधों** की बढ़ती घटनाएँ न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि सामूहिक स्तर पर भी चिंता का विषय बन गई हैं। लोगों को अपने जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए अब और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। पुलिस और प्रशासन को भी ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने की जरूरत है, ताकि आम जनता में विश्वास बना रहे।

इस मामले में आगे की कार्रवाई और जांच के परिणामों का सभी को इंतजार रहेगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस प्रशासन इस घटना को गंभीरता से लेते हुए किस प्रकार की कार्रवाई करता है और क्या शिक्षक को न्याय मिल पाएगा।

लेखक –