अलवर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में 36 दावेदार
राजस्थान के अलवर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनने के लिए 36 दावेदार मैदान में हैं। इन दावेदारों के आवेदन ऑब्जर्वर सलीम अहमद के पास पहुंच चुके हैं। अब इनमें से 6 नेताओं की फाइलें दिल्ली स्थित AICC तक भेजी जाएंगी। इसके बाद दिल्ली के वरिष्ठ नेताओं द्वारा रायशुमारी के बाद एक को जिलाध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया जाएगा। जिलाध्यक्ष का चयन उस दावेदार के लिए होगा, जो पार्टी के हित में बेहतर विचार प्रस्तुत करेगा।
कार्यकर्ताओं की राय जानी जा रही है
सलीम अहमद ने बताया कि उन्होंने पिछले 15 दिनों में 3,600 से अधिक कार्यकर्ताओं और नेताओं से मुलाकात की है। इस दौरान, कार्यकर्ताओं की राय जानी गई है और उनकी जानकारी को संकलित किया गया है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं के मोबाइल नंबर भी नोट किए हैं। इसके अतिरिक्त, नेताओं का बायोडाटा और बैकग्राउंड भी ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा।
सलीम अहमद ने स्पष्ट किया कि फिलहाल किसी भी नाम की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन 22 अक्टूबर तक 6 नाम निश्चित कर लिए जाएंगे। इसके बाद AICC से आम कार्यकर्ताओं के साथ फोन पर बात करने का भी संभावित कार्यक्रम है।
संभावित दावेदारों की सूची
अलवर कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद के लिए जिन 6 नेताओं के नाम पर विचार किया जा रहा है, उनमें प्रमुख हैं:
- कांग्रेस नेता दीनबंधु शर्मा
- डेयरी के पूर्व चेयरमैन विश्राम गुर्जर
- इम्तियाज खान
- श्वेता सैनी
- महेश सैनी
- हिम्मत चौधरी
इसके साथ ही, मौजूदा जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा भी इस दौड़ में एक मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। कुल मिलाकर, 36 जनों ने इस पद के लिए आवेदन किया है और अब उनकी शॉर्टलिस्टिंग की प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है। हालांकि, ऑब्जर्वर सलीम अहमद ने स्पष्ट किया है कि अभी छंटनी की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
आगामी प्रक्रिया और उम्मीदें
कांग्रेस पार्टी के लिए यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि जिलाध्यक्ष का चुनाव पार्टी की रणनीतियों और चुनावी परिणामों पर प्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकता है। कार्यकर्ताओं की राय और उनकी सक्रियता को ध्यान में रखते हुए ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इस प्रकार, सलीम अहमद की इस पहल से पार्टी में लोकतांत्रिक तरीके से नेतृत्व का चयन करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया जा रहा है।
कांग्रेस के आलाकमान के लिए यह कार्य बहुत चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं को समझते हुए सही निर्णय लेना आवश्यक है। इस प्रक्रिया के चलते पार्टी की आंतरिक एकता और कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बना रहेगा।
निष्कर्ष
अलवर में कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद का चुनाव सत्तारूढ़ पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। विभिन्न दावेदारों की मौजूदगी और उनकी क्षमताओं का आकलन करना पार्टी की सफलता के लिए आवश्यक है। आशा की जाती है कि पार्टी इस प्रक्रिया को पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ाएगी, जिससे कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच एक नया उत्साह जग सके।