राजस्थान में जलदाय विभाग में शराब का मामला: SE ने की कार्रवाई
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के राजतालाब थाना क्षेत्र में जलदाय विभाग (PHED) के एक कार्यालय में शराब पीते हुए चार लोगों को पकड़ा गया है। यह मामला रविवार का है जब जलदाय विभाग के सहायक अभियंता (SE) जेके चारण ने एक अचानक छापे के दौरान अकाउंटेंट, एक कर्मचारी और दो ठेकेदारों को रंगे हाथ पकड़ा। इस घटना के बाद से विभाग में हड़कंप मच गया है।
सहायक अभियंता ने पुलिस को बुलाया और पूरे PHED परिसर की जांच करवाई। जांच में कई शराब की बोतलें और गिलास बरामद हुए, जो इस बात का प्रमाण थे कि वहां शराब का सेवन किया गया था। हालांकि, जब पुलिस ने अकाउंटेंट की शराब की जांच की, तो उसमें शराब की मात्रा नहीं पाई गई। इस पूरे मामले में राजतालाब थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।
शराब पीने की लंबी शिकायतें मिली थीं
सहायक अभियंता जेके चारण ने बताया कि लंबे समय से उन्हें कार्यालय में शराब पीने की शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने कहा, “मैं खुद कई दिनों से इस कार्यालय पर नजर रख रहा था। इसीलिए मैंने मुख्य गेट पर सीसीटीवी कैमरा लगवाया था, जिससे छुट्टी के दिन कार्यालय में किसी भी तरह की हलचल को आसानी से देखा जा सके।” इस कैमरे के माध्यम से उन्हें पता चला कि कुछ कर्मचारी और ठेकेदार कार्यालय में अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं।
इस छापे में अकाउंटेंट नरेश यादव, ऑफिस में कार्यरत गौतम सोनी, और दो ठेकेदार शामिल थे। SE चारण ने बताया कि उन्होंने पुलिस को सूचना देकर खुद कार्यालय में छापा मारा और लेखा शाखा में जाकर कार्रवाई की।
पकड़े गए कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई
इस पूरी घटना के बाद, नरेश यादव को तो पकड़ लिया गया, लेकिन अन्य कर्मचारी मौके से भागने में सफल रहे। SE चारण ने कहा कि यह दुराचरण का एक गंभीर मामला है और इसके लिए दोनों कर्मचारियों, नरेश यादव और गौतम कुमार के खिलाफ चार्जशीट भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
छापे के समय SE ने अकाउंटेंट से पूछा, “बोतल कहां है? निकालो, तुम यहां क्या कर रहे थे?” इस पर अकाउंटेंट ने तर्क दिया कि वह तो यहीं बैठे थे। SE ने उन्हें रोकते हुए कहा, “तुम जा कहां रहे हो, यहीं रुको।” इस बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि पकड़े गए कर्मचारी अपनी गलतियों को छुपाने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया
राजतालाब थानाधिकारी देवीलाल मीणा ने बताया कि SE जेके चारण की रिपोर्ट पर पुलिस मौके पर पहुंची और पकड़े गए कर्मचारी नरेश यादव को थाने ले गई। शराब टेस्ट करवाने वाली मशीन से जांच की गई, जिसमें शराब की मात्रा नहीं पाई गई। थाने में पूछताछ के बाद नरेश यादव को पाबंद करवाकर फिलहाल छोड़ दिया गया है।
इस घटना ने जलदाय विभाग के कार्यों और कर्मचारियों के आचार-व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और सभी आवश्यक कदम उठाएंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
समाज में शराब सेवन की समस्या
यह घटना केवल एक कार्यालय की नहीं, बल्कि हमारे समाज में शराब सेवन की बढ़ती प्रवृत्ति को भी दर्शाती है। कई बार देखा गया है कि काम के दबाव के कारण कर्मचारी तनाव में रहते हैं और नकारात्मक तरीके से इसका सामना करते हैं। यह जरूरी है कि हम इस समस्या को समझें और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं।
इस मामले ने यह भी स्पष्ट किया है कि सरकारी विभागों में अनुशासन और आचार-व्यवहार के मानकों को बनाए रखना कितना आवश्यक है। यदि ऐसे मामलों को समय रहते नहीं रोका गया, तो इससे न केवल विभाग की छवि खराब होगी, बल्कि इससे जनता का विश्वास भी उठ सकता है।
इस घटना के बाद, जलदाय विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है कि वे अपने कर्मचारियों के आचार-व्यवहार पर नजर रखें और सुनिश्चित करें कि विभाग में किसी प्रकार की अवैध गतिविधियाँ न हों।