Wedding: छत्तीसगढ़ में 75 साल के बुजुर्ग ने की शादी, 45 साल की पत्नी ने रखा करवाचौथ का व्रत



75 वर्षीय बुजुर्ग की अनोखी प्रेम कहानी: 45 वर्षीय महिला से लव मैरिज छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जहां **75 वर्ष के बुजुर्ग** ने…

Wedding: छत्तीसगढ़ में 75 साल के बुजुर्ग ने की शादी, 45 साल की पत्नी ने रखा करवाचौथ का व्रत

75 वर्षीय बुजुर्ग की अनोखी प्रेम कहानी: 45 वर्षीय महिला से लव मैरिज

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक अनोखी प्रेम कहानी सामने आई है, जहां **75 वर्ष के बुजुर्ग** ने **45 वर्षीय महिला** से लव मैरिज की। यह विवाह गुरुवार की रात **शिव मंदिर** में सम्पन्न हुआ, जहां उन्होंने पूरी विधि-विधान के साथ सात फेरे लिए। इस शादी में दूल्हा-दुल्हन ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई और सभी पारंपरिक रस्में निभाई। शादी के बाद दूल्हा अपनी **मूंछों पर ताव** देते हुए नजर आया, जो इस अनोखे विवाह की खुशी को और बढ़ा रहा था।

इस खास अवसर पर मोहल्ले के लोग भी बारातियों की तरह शामिल हुए। पूरे मोहल्ले में बाजे-गाजे के साथ नाच-गाना हुआ, जिससे इस शादी का माहौल और भी उत्सवमय बन गया। दूल्हा पहले से शादीशुदा था, लेकिन उसकी पत्नी का कई साल पहले निधन हो चुका था। वहीं, दुल्हन की यह दूसरी शादी है, क्योंकि उसने अपने पहले पति को नशे में मारपीट के चलते 10 साल पहले छोड़ दिया था।

प्यार की पराकाष्ठा: दादू राम और आरती की प्रेम कहानी

इस अनोखी शादी का मामला **सरकंडा के चिंगराजपारा अटल आवास क्षेत्र** का है। यहाँ पर मजदूरी का काम करने वाले **दादू राम गंधर्व** का दिल मोहल्ले की ही रहने वाली **आरती त्रिवेदी** पर आ गया। आरती ने भी दादू राम के प्यार को स्वीकार किया और उनके बीच का प्यार परवान चढ़ा। जब दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का निश्चय किया, तो उन्होंने इस रिश्ते को औपचारिकता में बदलने का फैसला किया।

गुरुवार की रात को दोनों ने अपने परिवार और मोहल्ले वालों की मौजूदगी में विवाह किया। इस दौरान शादी के सभी रस्में निभाई गईं और मोहल्ले के लोग इस अनोखे प्रेम विवाह के गवाह बने। शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन मंदिर से बाहर निकलते हुए, दोनों के चेहरे पर खुशी की झलक साफ देखी जा सकती थी।

मोहल्ले वालों का समर्थन और उत्साह

इस शादी ने मोहल्ले में एक नई चर्चा का विषय बना दिया है। मोहल्ले के लोग इस अनोखे प्रेम विवाह को देखकर हैरान जरूर हुए, लेकिन दोनों के प्यार को देखकर वे बेहद खुश और उत्साहित भी नजर आए। इस विवाह को देखने के लिए कई लोग इकट्ठा हुए और नवविवाहित जोड़े को बधाई देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

आरती ने बताया कि उनकी पहली शादी **1993** में हुई थी, लेकिन पति के शराब पीने और मारपीट के चलते उन्होंने उसे छोड़ दिया था। उनके दो बच्चे भी हैं, एक बेटी और एक बेटा, जिनमें से बेटी की शादी हो चुकी है जबकि बेटा पिता के पास रहता है। आरती ने कहा कि “पिछले एक-दो साल से मैंने दादू राम को जान लिया था और हमने बची हुई जिंदगी साथ बिताने का फैसला किया।”

शादी का महत्व और करवा चौथ का व्रत

इस शादी का आयोजन **करवा चौथ** से एक दिन पहले किया गया था, जो इस रिश्ते को और भी महत्वपूर्ण बनाता है। दादू राम और आरती ने इस दिन को विशेष बनाने के लिए करवा चौथ का व्रत भी रखा है। इस प्रकार, इस अनोखे विवाह ने न केवल दोनों के जीवन को एक नई दिशा दी है, बल्कि मोहल्ले के लोगों को भी एक नई प्रेरणा दी है।

इस प्रेम विवाह ने यह साबित कर दिया है कि प्यार की कोई उम्र नहीं होती। जब दिलों में सच्चा प्यार होता है, तब सामाजिक मान्यताएँ और उम्र की सीमाएँ भी टूट जाती हैं। यह कहानी उन सभी के लिए एक उदाहरण है जो प्यार को जीवन में सबसे महत्वपूर्ण मानते हैं।

अंत में, इस अनोखी प्रेम कहानी का संदेश

इस विवाह ने सभी को यह सिखाया है कि सच्चा प्यार और साथी का साथ हमेशा मायने रखता है, चाहे उम्र कोई भी हो। इसके साथ ही, यह भी दर्शाता है कि प्रेम और संजीवनी शक्ति का कोई अंत नहीं होता। इस प्रकार, दादू राम और आरती की यह प्रेम कहानी हमेशा के लिए यादगार बन गई है।

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