राजस्थान लोक सेवा आयोग ने RAS परीक्षा का फाइनल परिणाम घोषित किया
राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) ने हाल ही में राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी (RAS) परीक्षा-2023 का फाइनल परिणाम घोषित किया है। इस परीक्षा में पाली जिले के कई युवाओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अपनी जगह बनाई है। खासकर, पाली के सीरवी समाज के लोगों ने इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर समाज का मान बढ़ाया है।
याशिका कच्छवाह ने RAS में 105वीं रैंक हासिल की
इस परीक्षा में पाली जिले के रानी की रहने वाली याशिका कच्छवाह ने 105वीं रैंक हासिल की है। याशिका की इस सफलता पर उनके परिवार और परिचितों में खुशी की लहर दौड़ गई। याशिका के पिता, विरेन्द्र सिंह, रानी में एक पेट्रोल पंप संचालित करते हैं, और उनके दादा उम्मेद सिंह कच्छवाह रानी नगरपालिका के दो बार चेयरमेन रह चुके हैं।
याशिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रानी के विद्यावाड़ी स्कूल से पूरी की। उच्च शिक्षा के लिए, उन्होंने जोधपुर के सूरसागर में अपने अंकल के पास रहकर पढ़ाई की। वहां से उन्होंने लांचू कॉलेज से B.Sc. और उसके बाद MSc की डिग्री प्राप्त की। याशिका ने प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए 2 साल तक परिवार से दूर रहकर जयपुर में अध्ययन किया। इस दौरान, उन्होंने मोबाइल से भी दूरी बनाए रखी और रोजाना 7-8 घंटे अध्ययन करने का नियम बनाया।
चेतन सीरवी की मेहनत रंग लाई
पाली जिले के श्रम विभाग में कार्यरत लेबर इंस्पेक्टर चेतन सीरवी ने 236वीं रैंक हासिल की है। चेतन के पिता, ढलाराम, मारवाड़ जंक्शन में स्टाम्प वेंडर हैं, जबकि उनकी मां शांति देवी एक गृहिणी हैं। चेतन ने 2013 में पाली के बांगड़ कॉलेज से बीए की डिग्री प्राप्त की, इसके बाद उन्होंने MA की पढ़ाई की। 2020 में उनकी शादी दीपिका से हुई।
चेतन ने नौकरी और परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ RAS परीक्षा की तैयारी की। उनकी सफलता ने साबित कर दिया कि अगर मेहनत और लगन हो तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने अपने इंटरव्यू की तैयारी करते हुए भी अपनी ड्यूटी निभाई। उनके इस प्रयास की सराहना करते हुए परिवार और मित्रों ने उन्हें बधाई दी।
हेमंत सीरवी की खुशी का माहौल
पाली जिले के सोजत क्षेत्र के मेलावास गांव के हेमंत सीरवी ने 165वीं रैंक हासिल की है। उनकी इस सफलता से उनके घर में खुशियों की बहार आ गई है। हेमंत को जब अपने परिणाम की जानकारी मिली, तो परिवार और परिचितों ने उनका मुंह मीठा करवा कर बधाई दी।
हेमंत की मेहनत और संघर्ष ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। उन्होंने अपनी पढ़ाई और तैयारी के दौरान कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनकी सफलता से यह स्पष्ट है कि मेहनत का फल मीठा होता है, और वे अपने समाज के लिए एक प्रेरणा बन गए हैं।
समाज में शिक्षा का महत्व
इन सफलताओं ने यह भी साबित किया है कि शिक्षा का महत्व समाज में कितना अधिक है। याशिका, चेतन और हेमंत जैसे युवाओं ने न केवल अपने लिए बल्कि अपने परिवार और समाज के लिए भी एक उदाहरण पेश किया है। उनकी मेहनत और संघर्ष ने यह दर्शाया है कि यदि लक्ष्य निश्चित हो और प्रयास सच्चे हों, तो कोई भी सपना हकीकत में बदला जा सकता है।
राजस्थान में इस तरह की सफलता की कहानियाँ प्रेरणा का स्रोत बनती हैं। युवा पीढ़ी को चाहिए कि वे इन उदाहरणों से प्रेरणा लें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कठिन मेहनत करें।