MP News: Self-immolation की धमकी के साथ दतिया कलेक्ट्रेट में महिला का हंगामा, विवादित प्लॉट केस का वीडियो हुआ वायरल



दतिया में आत्मदाह की धमकी: महिला की शिकायत पर प्रशासन हुआ सक्रिय मध्य प्रदेश के दतिया जिले में मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में एक अप्रत्याशित घटना घटी, जब एक महिला…

MP News: Self-immolation की धमकी के साथ दतिया कलेक्ट्रेट में महिला का हंगामा, विवादित प्लॉट केस का वीडियो हुआ वायरल

दतिया में आत्मदाह की धमकी: महिला की शिकायत पर प्रशासन हुआ सक्रिय

मध्य प्रदेश के दतिया जिले में मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में एक अप्रत्याशित घटना घटी, जब एक महिला ने अपनी शिकायत का समाधान न होने पर आत्मदाह की धमकी दी। यह मामला तब और बढ़ गया जब मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने किसी तरह उस महिला को काबू में किया। इस दौरान महिला को घसीटते हुए ले जाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

महिला की शिकायत का背景

यह विवाद बड़ौनी नगर पालिका क्षेत्र के एक प्लॉट से संबंधित है, जिसे महिला ने वर्ष **2019** में खरीदा था। महिला के पास इस प्लॉट की रजिस्ट्री से संबंधित सभी दस्तावेज उपलब्ध हैं। लेकिन, महिला का आरोप है कि नगर पालिका ने उस प्लॉट का नामांतरण किसी अन्य व्यक्ति के नाम कर दिया है, जिससे उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है।

महिला की इस गंभीर शिकायत ने प्रशासन को चिंतित कर दिया है। घटनास्थल पर मौजूद कलेक्टर **स्वप्निल वानखड़े** ने महिला से बात की और स्थिति को समझने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि यह मामला वर्तमान में सिविल न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए प्रशासनिक स्तर पर इस मामले में कोई हस्तक्षेप करना संभव नहीं है।

जांच प्रक्रिया और प्रशासन की प्रतिक्रिया

कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने बताया कि महिला की शिकायत के बाद अब तक **चार बार** जांच की जा चुकी है। इस जांच में संयुक्त कलेक्टर और विभिन्न स्तर के अधिकारी शामिल रहे हैं, जिन्होंने मौके पर जाकर तथ्यों की जांच की। जांच के दौरान यह पाया गया कि मामला अदालत में लंबित है, इसलिए प्रशासन को इस पर कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।

महिला की स्थिति को समझते हुए कलेक्टर ने यह भी कहा कि प्रशासन इस मामले में निष्पक्षता से कार्य कर रहा है और न्यायालय के निर्णय का इंतजार कर रहा है। हालांकि, महिला की आत्मदाह की धमकी ने प्रशासन के समक्ष एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या न्यायालय में लंबित मामलों को समय सीमा के भीतर निपटाना आवश्यक नहीं है।

सामाजिक प्रतिक्रिया और प्रशासनिक चुनौतियाँ

इस घटना ने दतिया के नागरिकों में आक्रोश उत्पन्न कर दिया है। कई लोग इस बात पर विचार कर रहे हैं कि यदि प्रशासन समय पर कार्रवाई नहीं करता है तो ऐसी घटनाएं बढ़ सकती हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि प्रशासन को अधिक सक्रियता दिखाते हुए ऐसे मामलों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करना चाहिए।

  • महिला ने कहा कि उसे न्याय नहीं मिल रहा है।
  • ज्ञात हो कि यह मामला न्यायालय में लंबित है।
  • स्थानीय नागरिकों में प्रशासन के प्रति नाराजगी।

दतिया की इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्याय की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि किसी भी नागरिक को इस प्रकार के तनाव का सामना न करना पड़े। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समय-समय पर प्रगति की जानकारी साझा करे, ताकि लोगों का विश्वास बना रहे।

इस प्रकार की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत स्तर पर प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज में भी एक बड़ा संदेश छोड़ती हैं कि न्याय की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और त्वरित बनाया जाना चाहिए।

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