Road: छत्तीसगढ़ में सड़क की मरम्मत शुरू, 18 बार आवेदन के बावजूद सुनवाई नहीं होने पर पांच घंटे चक्काजाम



ग्रामीणों की एकजुटता से सड़क मरम्मत कार्य की शुरुआत प्रशासन की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी के बीच, ग्रामीणों की एकजुटता ने एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने का कार्य किया है।…

Road: छत्तीसगढ़ में सड़क की मरम्मत शुरू, 18 बार आवेदन के बावजूद सुनवाई नहीं होने पर पांच घंटे चक्काजाम

ग्रामीणों की एकजुटता से सड़क मरम्मत कार्य की शुरुआत

प्रशासन की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी के बीच, ग्रामीणों की एकजुटता ने एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने का कार्य किया है। टेंगनी-शिवप्रसादनगर रेलवे दोहरीकरण कार्य में लगे भारी वाहनों के कारण बुरी तरह जर्जर हो चुकी सड़क की मरम्मत, ग्रामीणों के दबाव के बाद ही शुरू हो सकी। यह घटना दर्शाती है कि जब जनप्रतिनिधि और प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेते हैं, तो स्थानीय लोग अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए मजबूर होते हैं।

शिवप्रसादनगर से बंजा तक का मार्ग पिछले कई महीनों से खस्ताहाल था। रेलवे दोहरीकरण कार्य में लगे भारी ट्रकों और मशीनी वाहनों की निरंतर आवाजाही के कारण सड़क पर जगह-जगह गहरे गड्ढे बन गए थे। स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि छोटे वाहनों का इस मार्ग से गुजरना कठिन हो गया था। कई बार, कारों की चेसिस सड़क से टकराकर क्षतिग्रस्त हो रही थी और बाइक सवारों के लिए यह मार्ग एक दुर्घटनाओं का कारण बन चुका था।

प्रशासन की चुप्पी के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध

हालांकि, प्रशासन की ओर से सड़क सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। जब ग्रामीणों ने बार-बार शिकायत की, तब भी जिम्मेदार विभागों ने चुप्पी साधे रखी। अंततः, मंगलवार को ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर भारी वाहनों का आवागमन रोक दिया। मंडल अध्यक्ष सुनील साहू के नेतृत्व में, ग्रामीणों ने लगभग पांच घंटे तक सड़क जाम रखा और रेलवे निर्माण एजेंसी तथा प्रशासन को चेतावनी दी कि जब तक सड़क की मरम्मत शुरू नहीं होगी, तब तक ट्रकों को नहीं चलने दिया जाएगा।

इस दबाव के बाद रेलवे निर्माण एजेंसी हरकत में आई और चार घंटे की अवधि में ही मरम्मत कार्य की शुरुआत कर दी। यह घटना यह साबित करती है कि सामूहिक प्रयास और एकजुटता से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। ग्रामीणों के दृढ़ संकल्प ने प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास कराया।

जर्जर सड़क पर विधायक का हस्तक्षेप

जर्जर सड़क: विधायक अटल श्रीवास्तव ने एनएच अफसरों को पत्र लिखकर महामाया चौक रतनपुर से शासकीय महामाया महाविद्यालय तक की पेंड्रा रोड की खस्ताहाल स्थिति का जिक्र किया है। उन्होंने इस जर्जर और धूल भरी सड़क के नवीन निर्माण या तत्काल मरम्मत की मांग की है।

रतनपुर के लोग, विशेषकर छात्र-छात्राओं, द्वारा इस व्यस्त मार्ग के सुधार के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है। यह सड़क महामाया मंदिर तक पहुंचने का मुख्य मार्ग भी है। ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया है कि हाल ही में बीते नवरात्र पर्व के दौरान मुख्यमंत्री, मंत्री और श्रद्धालु इसी खस्ताहाल सड़क से आए थे, लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली।

विधायक की सक्रियता और जनता की मांग

विधायक अटल श्रीवास्तव, जो पिछले कई दिनों से इस समस्या को लेकर प्रयासरत हैं, ने अब अधिकारियों को पत्र लिखकर नगरवासियों को धूल मुक्त सड़क उपलब्ध कराने के लिए एक बार फिर प्रयास तेज कर दिया है। यह दर्शाता है कि जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी केवल चुनावी वादों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें जनता की समस्याओं का समाधान भी करना चाहिए।

इस घटना से स्पष्ट है कि जब प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ते हैं, तो ग्रामीणों की एकजुटता और संघर्ष ही समाधान का एकमात्र मार्ग होता है। इस प्रकार की घटनाएं यह भी दर्शाती हैं कि स्थानीय लोगों की आवाज सुनना और समस्याओं का समाधान करना कितना महत्वपूर्ण है।

आखिरकार, यह घटना एक उदाहरण है कि कैसे सामूहिक प्रयास और जन जागरूकता से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। ग्रामीणों की एकजुटता ने प्रशासन को मजबूर किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें और स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान करें। अब यह देखना है कि प्रशासन इस दिशा में आगे कैसे बढ़ता है और क्या यह घटना अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनती है।

छत्तीसगढ़ समाचार हिंदी में

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