Protest: NSUI का जैसलमेर में विरोध-प्रदर्शन, जिलाध्यक्ष बोले- विनोद जाखड़ की जल्द हो रिहाई, राज्यपाल-CM के नाम सौंपा ज्ञापन



जैसलमेर में NSUI का विरोध प्रदर्शन: कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग जैसलमेर में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन…

Protest: NSUI का जैसलमेर में विरोध-प्रदर्शन, जिलाध्यक्ष बोले- विनोद जाखड़ की जल्द हो रिहाई, राज्यपाल-CM के नाम सौंपा ज्ञापन

जैसलमेर में NSUI का विरोध प्रदर्शन: कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग

जैसलमेर में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व NSUI के जिला अध्यक्ष मानाराम भील ने किया। उन्होंने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और राज्यपाल हरिभाऊ मौर्य के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। यह ज्ञापन राज्य में छात्रों के अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

प्रदर्शन के दौरान, NSUI के कार्यकर्ताओं ने अपने संगठन के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ और अन्य कार्यकर्ताओं की तत्काल रिहाई की मांग की, जिन्हें पिछले सात दिनों से बिना किसी आरोप के जेल में रखा गया है। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे भविष्य में उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

राजनीतिक दबाव का आरोप और लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन

मानाराम भील ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मामला स्पष्ट रूप से राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर अनुचित और राजनीतिक रूप से प्रेरित आरोप लगाए हैं। उनका कहना था कि यह न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है, बल्कि नागरिक अधिकारों का भी हनन है। उन्होंने राज्यपाल और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

ज्ञापन सौंपने के बाद, NSUI के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट के बाहर नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को मजबूती से रखा। प्रदर्शन में भाग ले रहे छात्र नेताओं ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी पूरी तरह से राजनीतिक दबाव का परिणाम है और इसे असंवैधानिक कार्रवाई माना जाना चाहिए। इस प्रकार के विरोध प्रदर्शन ने प्रशासन पर दबाव डालने का प्रयास किया।

उग्र आंदोलन की चेतावनी: छात्रों के अधिकारों की रक्षा का संकल्प

मानाराम भील ने स्पष्ट किया कि उनका संगठन हमेशा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़ा रहेगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं की, तो NSUI बड़े पैमाने पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।

NSUI के नेताओं ने यह भी संकेत दिया कि वे इस मुद्दे को राज्य स्तर पर उठाने की योजना बना रहे हैं। ज्ञापन में विशेष रूप से उल्लेख किया गया कि छात्रों को जेल में रखना केवल संगठन और छात्र आंदोलनों पर दबाव बनाने का प्रयास है। ऐसे में, संगठन ने स्पष्ट किया है कि वे अपने अधिकारों के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।

समर्थन और प्रतिक्रिया: छात्रों की एकजुटता

इस विरोध प्रदर्शन ने छात्रों के बीच एकजुटता का संकेत दिया है। कई छात्र संगठनों ने NSUI के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है और कहा है कि वे छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं। इस आंदोलन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि छात्र समुदाय किसी भी प्रकार के राजनीतिक उत्पीड़न के खिलाफ खड़ा होगा।

जैसलमेर में हुए इस प्रदर्शन ने प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और छात्रों की मांगों पर कैसे प्रतिक्रिया देता है। NSUI का यह आंदोलन केवल एक स्थानीय मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य में छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

कुल मिलाकर, जैसलमेर में NSUI का यह विरोध प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण घटना है जो छात्रों के अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ाई का प्रतीक है। छात्रों का यह संगठित प्रदर्शन आने वाले समय में राजनीति में एक नई लहर का संचार कर सकता है।

राजस्थान समाचार हिंदी में

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