Resignation: विदिशा में नपाध्यक्ष के इस्तीफे की चर्चा पर अध्यक्ष प्रतिनिधि ने किया खंडन, सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें



विदिशा नगर पालिका अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विदिशा नगर पालिका की अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिए जाने के बाद शहर की राजनीति…

Resignation: विदिशा में नपाध्यक्ष के इस्तीफे की चर्चा पर अध्यक्ष प्रतिनिधि ने किया खंडन, सोशल मीडिया पर फैली अफवाहें

विदिशा नगर पालिका अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

विदिशा नगर पालिका की अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दिए जाने के बाद शहर की राजनीति में हलचल मच गई है। मंगलवार की शाम को इस विषय में सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चाएँ होने लगीं। खबरें आईं कि अध्यक्ष के पति राकेश शर्मा इस्तीफा देने वाले हैं, जिसे लेकर कलेक्टर कार्यालय में चर्चा हो रही है। यह जानकारी शहर के कई राजनीतिक सूत्रों से मिली है।

हालांकि, राकेश शर्मा ने इन अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह सब सिर्फ अफवाह है। उन्होंने कहा कि वह अपने पद पर बने रहेंगे और किसी प्रकार के इस्तीफे की योजना नहीं बना रहे हैं। उनके अनुसार, यह केवल राजनीतिक प्रतिशोध का एक हिस्सा है।

38 पार्षदों ने उठाया अविश्वास प्रस्ताव

विदिशा नगर पालिका के कुल 39 सदस्यों में से 38 पार्षदों ने अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए 18 सितंबर को कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था। इस प्रस्ताव को लेकर जिला प्रशासन ने भी हस्ताक्षरों का सत्यापन किया और इसे राज्य सरकार को भेज दिया है। इस घटनाक्रम ने नगर पालिका में एक नई राजनीतिक स्थिति उत्पन्न कर दी है।

अविष्वास प्रस्ताव में पार्षदों ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जो अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाते हैं। इस प्रस्ताव के बाद से विदिशा में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है।

भाजपा में खींचतान और संभावित बदलाव

सूत्रों के मुताबिक, विदिशा नगर पालिका में इस्तीफे की पटकथा भाजपा के कुछ नेताओं ने तैयार की है। चर्चा यह भी है कि यदि अध्यक्ष पद खाली होता है तो उसका प्रभार उपाध्यक्ष संजय दिवाकीर्ति को सौंपा जा सकता है। लेकिन इस पर भी मतभेद हैं। पार्षदों के एक वर्ग का मानना है कि दिवाकीर्ति को वित्तीय प्रभार देना ठीक नहीं होगा, जबकि दूसरे गुट का मानना है कि सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुना जाए।

इस स्थिति ने न केवल विदिशा की राजनीति को प्रभावित किया है, बल्कि भाजपा के अंदर भी खींचतान को जन्म दिया है। एक ओर जहां कुछ नेता दिवाकीर्ति को आगे लाने के पक्ष में हैं, वहीं दूसरी ओर कुछ नेता उनके खिलाफ हैं।

पार्षदों में बंटवारा और विकास कार्यों की चर्चा

विदिशा नगर पालिका विवाद पर मंगलवार को अलग-अलग गुटों की बैठकें आयोजित की गईं। कुछ पार्षद राकेश शर्मा के समर्थन में खड़े नजर आए, जबकि कुछ उनके खिलाफ थे। इस दौरान, एक वर्ग का मानना था कि अध्यक्ष के साथ सामंजस्य बनाकर वार्डों में विकास कार्य कराना ही बेहतर विकल्प होगा।

इस प्रकार, विदिशा नगर पालिका में वर्तमान स्थिति ने सभी राजनीतिक दलों और पार्षदों को एक नई चुनौती दी है। पार्षदों में बंटवारा और विभिन्न गुटों की गतिविधियाँ दर्शाती हैं कि इस मुद्दे पर आगे क्या होने वाला है।

निष्कर्ष

विदिशा नगर पालिका की राजनीति में यह घटनाक्रम न केवल स्थानीय विकास को प्रभावित करेगा, बल्कि भविष्य में राजनीतिक स्थिरता को भी चुनौती देगा। इस समय, सभी नजरें अध्यक्ष प्रीति राकेश शर्मा और उनके समर्थकों पर टिकी हैं, यह देखने के लिए कि वे इस संकट से कैसे निपटते हैं।

उम्मीद है कि विदिशा के लोग जल्द ही इस राजनीतिक हलचल के स्थायी समाधान की दिशा में बढ़ेंगे और नगर विकास के लिए एक नई दिशा प्राप्त करेंगे।

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