Karwa Chauth 2025: जानें 9 या 10 अक्टूबर को कब होगा करवा चौथ का व्रत, शुभ मुहूर्त, योग और पूजा का महत्व



करवा चौथ 2025 की तिथि और महत्व हिंदू धर्म में **करवा चौथ** का व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और…

Karwa Chauth 2025: जानें 9 या 10 अक्टूबर को कब होगा करवा चौथ का व्रत, शुभ मुहूर्त, योग और पूजा का महत्व

करवा चौथ 2025 की तिथि और महत्व

हिंदू धर्म में **करवा चौथ** का व्रत विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवासी रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चौथ को मनाया जाता है। इस साल, अर्थात् **2025** में करवा चौथ का व्रत **15 अक्टूबर** को मनाया जाएगा।

इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सूप और करवे से पूजा की तैयारी करती हैं। पूजा के समय महिलाएं अपने पति के साथ-साथ सभी विवाहित महिलाओं के लिए भी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। करवा चौथ का व्रत न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक सामाजिक उत्सव भी है, जहां महिलाएं एकत्र होती हैं और एक-दूसरे के साथ इस पर्व का आनंद लेती हैं।

करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त

करवा चौथ की पूजा का सही मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महिलाएं उपवास के बाद चांद को देखकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। 2025 में करवा चौथ की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम **6:15** बजे से लेकर **7:00** बजे तक रहेगा। इस समय के दौरान महिलाएं चांद की पूजा कर सकती हैं।

व्रत के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, महिलाओं को सूर्योदय से पहले **सहित** भोजन करना चाहिए, ताकि वे पूरे दिन निर्जला उपवासी रह सकें। इसके अलावा, पूजा करते समय सभी सामग्रियों को सही तरीके से तैयार करना चाहिए, जैसे कि **करवा, मिट्टी का दीपक, और मिठाई**। पूजा के बाद चांद को देखकर पति को जल अर्पित करना और उनके हाथों से पहला निवाला ग्रहण करना बहुत शुभ माना जाता है।

करवा चौथ के साथ जुड़े रीति-रिवाज

करवा चौथ का पर्व कई रीति-रिवाजों और परंपराओं से भरा हुआ है। इस दिन महिलाएं विशेष रूप से **साड़ी** पहनती हैं और श्रृंगार करती हैं। व्रत के दौरान महिलाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर गीत गाती हैं और इस पर्व का आनंद लेती हैं।

  • रंग-बिरंगे कपड़े: करवा चौथ के दिन महिलाएं लाल, गुलाबी या नारंगी रंग की साड़ी पहनती हैं, जो इस पर्व के महत्व को दर्शाती है।
  • पूजा सामग्री: पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में करवा, मिठाइयाँ, फल, और दीपक शामिल होते हैं।
  • चंद्र दर्शन: चांद निकलने पर महिलाएं चांद को देखकर अपने पति का नाम लेकर पूजा करती हैं।

करवा चौथ का धार्मिक महत्व

इस पर्व का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। भारतीय परंपरा में करवा चौथ को पति-पत्नी के अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। यह दिन न केवल पति की लंबी उम्र के लिए पूजा का अवसर है, बल्कि यह महिलाओं के लिए अपने पति के प्रति उनकी भक्ति और प्रेम को दर्शाने का भी एक तरीका है।

करवा चौथ का व्रत केवल एक दिन का नहीं होता, बल्कि यह एक महीने भर चलने वाली धार्मिक और सामाजिक प्रक्रिया का हिस्सा होता है। महिलाएं इस दिन अपने परिवार और समाज के लिए भी प्रार्थना करती हैं, जिससे कि सभी की सुख-समृद्धि बनी रहे।

निष्कर्ष

इस प्रकार, करवा चौथ का व्रत न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। इसे मनाने के लिए सही तरीके से तैयारी करना बहुत जरूरी है। सही मुहूर्त, पूजा सामग्री और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए इस पर्व को मनाना चाहिए। करवा चौथ 2025 में **15 अक्टूबर** को मनाया जाएगा, और यह एक बार फिर से सभी विवाहित महिलाओं के लिए खुशियों और समृद्धि का पर्व बनेगा।

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