ज्ञान गंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज ने NASA स्पेस ऐप्स चैलेंज 2025 का सफल आयोजन किया
ज्ञान गंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज ने NASA स्पेस ऐप्स चैलेंज 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन कर भारत का नाम रोशन किया है। इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन 185 देशों में एक साथ किया गया, जिसमें मध्यप्रदेश के जबलपुर और भोपाल को मेजबानी का गौरव प्राप्त हुआ। यह प्रतियोगिता 4 और 5 अक्टूबर, 2025 को ‘सीखो, लॉन्च करो, नेतृत्व करो’ की थीम के तहत आयोजित की गई थी।
प्रतियोगिता में जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल, नागपुर, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे विभिन्न राज्यों के कॉलेजों से 50 टीमों के 250 से अधिक नवप्रवर्तक उत्साहपूर्वक शामिल हुए। ज्ञान गंगा कॉलेज, श्री राम कॉलेज, ग्लोबल कॉलेज, और जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे प्रमुख संस्थानों के छात्रों ने वास्तविक दुनिया की समस्याओं का समाधान पेश करने के लिए अपने डिजाइनों को कार्यात्मक उत्पादों में परिवर्तित किया। यह आयोजन न केवल तकनीकी कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि युवाओं में नवाचार की भावना को भी प्रोत्साहित करने का एक मंच था।
ISRO के वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया विशेष मेंटरिंग सत्र
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ISRO के वैज्ञानिकों, आदित्य नारायण शुक्ला और सुमित शर्मा द्वारा आयोजित विशेष मेंटरिंग सत्र था। इस सत्र में उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरों की भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और ISRO में करियर के अवसरों, नौकरी की भूमिकाओं, और दीर्घकालिक विकास की संभावनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
इस प्रकार के सत्रों ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया और उनके मन में अपने करियर के प्रति नई आकांक्षाएं जगाईं। वैज्ञानिकों ने बताया कि कैसे तकनीकी नवाचार और अनुसंधान से भारत को अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया जा सकता है।
Nasa द्वारा फंडिंग और अवसर
प्रतियोगिता के दौरान, नासा के जज आर्यन जैन ने यह जानकारी साझा की कि अच्छे समाधानों को नासा द्वारा फंडिंग प्रदान की जाती है। यदि किसी प्रोजेक्ट का प्रदर्शन उत्कृष्ट होता है, तो प्रतिभागियों को नासा की इंजीनियरिंग टीम में चयन होने का भी मौका मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि इस हाइब्रिड हैकाथॉन की मॉनिटरिंग नासा द्वारा ऑनलाइन की जा रही थी, जिससे प्रतिभागियों को विश्व स्तर पर अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिला।
प्रतिभागी आसिता पटेल ने अपनी टीम ‘एक्सपेक्ट्स’ का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने सोलर गियर से संबंधित एक इंटरैक्टिव वेबसाइट बनाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी टीम टॉप टेन में आएगी और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जाने का मौका मिलेगा।
प्रतियोगिता के परिणाम और भविष्य की योजनाएँ
प्रतियोगिता के पहले चरण में शीर्ष 10 टीमों का चयन किया गया, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर अपनी रचनात्मकता और निष्पादन का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। राष्ट्रीय स्तर पर टॉप तीन टीमें भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह बनाएंगी। इस प्रकार, इस चैलेंज ने न केवल प्रतिभागियों को अपनी क्षमताओं को प्रदर्शित करने का मौका दिया, बल्कि उन्हें विश्व मंच पर अपनी पहचान बनाने का भी अवसर प्रदान किया।
ज्ञान गंगा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज ने इस आयोजन के माध्यम से युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया है और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में भारत की स्थिति को और मजबूत करने का प्रयास किया है। इस प्रकार के आयोजनों से निश्चित रूप से देश में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और युवा अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रेरित होंगे।
इस तरह के कार्यक्रमों में भाग लेना न केवल छात्रों के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह देश के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्र में शिक्षा और अभ्यास का यह संगम, भारत को विश्व स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध होगा।