“Discussion: प्रमुख सचिव ने राजगढ़ में पशुपालकों से की चर्चा, उत्पादन बढ़ाने पर दिया जोर; बीमा जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश”



मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ‘दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान’ मध्यप्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पशुपालन एवं डेयरी विभाग के तहत…

“Discussion: प्रमुख सचिव ने राजगढ़ में पशुपालकों से की चर्चा, उत्पादन बढ़ाने पर दिया जोर; बीमा जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश”

मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ‘दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान’

मध्यप्रदेश सरकार ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पशुपालन एवं डेयरी विभाग के तहत ‘दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान’ की शुरुआत की है। इस अभियान के अंतर्गत, प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव ने शनिवार को राजगढ़ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान, उन्होंने कलेक्टर डॉ. मिश्रा के साथ मिलकर विभिन्न गांवों में पशुपालकों से सीधा संवाद किया।

पशुपालकों के साथ संवाद और मुद्दों पर चर्चा

प्रमुख सचिव उमराव ने ग्राम बिलयारी, सिमलाखेड़ी, चिड़ीखेड़ी और लसुलड़ी महाराजा में जाकर स्थानीय पशुपालकों से बातचीत की। उन्होंने पशुओं की नस्ल सुधार, सीमन तकनीक का उपयोग कर बछिया जन्म दर बढ़ाने, अधिक दुग्ध उत्पादन और दूध की गुणवत्ता एवं विपणन व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उमराव ने बताया कि राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य हर पशुपालक की आय को बढ़ाना और दूध उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाना है।

दुग्ध उत्पादन में सुधार के उपाय

इस अभियान के तहत, पशुपालकों से उनके पशुओं के प्रतिदिन के दूध उत्पादन, आहार व्यवस्था और दूध बेचने की दर के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई। प्रमुख सचिव ने सुझाव दिया कि यदि पशुपालक बेहतर पशु आहार और वैज्ञानिक प्रजनन पद्धतियों को अपनाएं, तो दुग्ध उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की जा सकती है। इस तरह के प्रयास न केवल पशुपालकों की आय में वृद्धि करेंगे, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएंगे।

कलेक्टर का सक्रिय योगदान और दिशा-निर्देश

कलेक्टर डॉ. मिश्रा ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पात्र पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी किया जाए और पशुओं का बीमा कराने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने बताया कि यह अभियान **2 अक्टूबर** से शुरू होकर **9 अक्टूबर** तक जिलेभर में चलेगा। इस दौरान, प्रत्येक गांव में पशुपालकों से संवाद कर उनकी समस्याओं और सुझावों को दर्ज किया जाएगा।

अभियान की सफलता के लिए महत्वपूर्ण निर्देश

प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम भ्रमण के दौरान सादगी से संपर्क किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सूचीबद्ध प्रत्येक पशुपालक से बात की जाए, भले ही उसके पास कम पशु हों। संवाद में समानुभाव और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना ही इस अभियान की सफलता की कुंजी है। इस अवसर पर एसडीएम नरसिंहगढ़ सुशील कुमार, एसडीएम ब्यावरा गोविंद दुबे, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।

अभियान का व्यापक प्रभाव

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है, बल्कि यह पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी सहायक होगा। जब पशुपालक अधिक दूध उत्पादन करेंगे, तो न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि इससे स्थानीय बाजार में दूध की उपलब्धता भी बढ़ेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे, जो कि अंततः समाज और अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।

निष्कर्ष

मध्यप्रदेश में चल रहा ‘दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान’ एक महत्वपूर्ण पहल है, जो पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दे रहा है। राज्य सरकार का यह प्रयास न केवल दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करेगा, बल्कि यह ग्रामीण विकास के लिए भी एक मील का पत्थर साबित होगा। पशुपालकों को इस अभियान के अंतर्गत मिलने वाले लाभों से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, जो अंततः समाज के समग्र विकास के लिए आवश्यक है।

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