बालाघाट में चलती ट्रेन के सामने आया नशे में धुत व्यक्ति, रेलवे में मची हड़कंप
बालाघाट-वारासिवनी ट्रैक पर शनिवार शाम करीब साढ़े 3 बजे एक चौंकाने वाली घटना हुई, जब एक आदमी अचानक चलती पैसेंजर ट्रेन के सामने आ गया। इस घटना के कारण ट्रेन को वैनगंगा नदी के रेलवे पुल पर करीब 15 मिनट तक रोकना पड़ा। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें लोको पायलट उस व्यक्ति को ट्रैक से हटने के लिए कहते हुए दिखाई दे रहे हैं।
इस वीडियो में यह भी दावा किया गया है कि जिस व्यक्ति के कारण ट्रेन रोकनी पड़ी, वह शराब के नशे में था। वह अचानक ट्रैक पर आ गया, जिसके कारण लोको पायलट को इमरजेंसी ब्रेक लगाने पड़े। यह घटना वैनगंगा नदी के किनारे दुर्गा विसर्जन के दौरान हुई, जहां मौजूद लोग इस नजारे का वीडियो बना रहे थे।
ट्रेन के यात्रियों ने बचाई स्थिति
जानकारी के अनुसार, ट्रेन रोकने वाले व्यक्ति ने ट्रैक पर काफी देर तक हंगामा किया। इस स्थिति को संभालने के लिए कुछ पैसेंजर ट्रेन से उतरे और उस व्यक्ति को ट्रैक से हटाने में मदद की। जब तक वह व्यक्ति ट्रैक से नहीं हटा, ट्रेन आगे नहीं बढ़ सकी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि लोको पायलट समय पर ट्रेन नहीं रोकते, तो यह एक बड़ी दुर्घटना बन सकती थी।
इस घटना ने न केवल यात्रा करने वाले लोगों को बल्कि रेलवे प्रबंधन को भी चिंता में डाल दिया है। लोगों का कहना है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
आरपीएफ कर रही है वीडियो की जांच
इस घटना के बाद रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने वीडियो की जांच शुरू कर दी है। स्टेशन प्रबंधक कृष्ण मोहन चौधरी ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं थी, हालांकि आरपीएफ की एएसआई विभा ने बताया कि उन्हें वीडियो की सूचना मिली है। अभी तक किसी ने इस मामले में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
आरपीएफ अब इस वीडियो की सत्यता की जांच कर रही है और उस व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रही है, जो शराब के नशे में था और ट्रेन के सामने आया। यह घटना न केवल रेलवे सुरक्षा के लिए एक गंभीर मुद्दा है, बल्कि यह समाज में शराब के दुरुपयोग की समस्या को भी उजागर करती है।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि समाज में शराब का सेवन करने वाले लोगों की जागरूकता की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में न केवल उनके अपने जीवन को खतरे में डाला जाता है, बल्कि यह अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। इस घटना ने एक सवाल खड़ा किया है कि क्या हम अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और क्या हम अपनी गतिविधियों के परिणामों के प्रति सचेत हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस और रेलवे अधिकारियों को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इसके अलावा, समाज को भी इस दिशा में प्रयास करने चाहिए ताकि हम सभी मिलकर एक सुरक्षित और जिम्मेदार वातावरण बना सकें।
आखिरकार, यह घटना सिर्फ एक रेलवे दुर्घटना के रूप में नहीं देखी जानी चाहिए, बल्कि यह एक चेतावनी है कि हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए और सार्वजनिक स्थानों पर सावधानी बरतनी चाहिए।
समाज में ऐसे मामलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है, ताकि लोग शराब के दुरुपयोग के खतरों को समझ सकें। इसके अलावा, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को भी आगे आकर इस दिशा में काम करने की आवश्यकता है।
इस प्रकार की घटनाएँ हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि हम सभी को मिलकर एक सुरक्षित समाज बनाने के लिए किस प्रकार के कदम उठाने चाहिए।