Election Buzz: हरियाणा के DGP ओपी सिंह का परिवार जश्न में डूबा



हरियाणा में खुशियों का संयोग: ओपी सिंह बने नए पुलिस प्रमुख राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के लिए यह सप्ताह विशेष खुशियों से भरा हुआ…

Election Buzz: हरियाणा के DGP ओपी सिंह का परिवार जश्न में डूबा

हरियाणा में खुशियों का संयोग: ओपी सिंह बने नए पुलिस प्रमुख

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के लिए यह सप्ताह विशेष खुशियों से भरा हुआ है। प्रदेश सरकार ने उनकी काबिलियत पर भरोसा जताते हुए उन्हें शत्रुजीत कपूर के स्थान पर राज्य का नया पुलिस प्रमुख नियुक्त किया है। इसके साथ ही, ओपी सिंह की साली दिव्या गौतम को बिहार में भाकपा (माले) के टिकट पर चुनाव लड़ने का अवसर मिला है। यह उनके परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण समय है, जो ना केवल उनके करियर के लिए बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में भी नए अवसर प्रदान कर रहा है।

ओपी सिंह, जिन्हें बालीवुड के दिवंगत स्टार सुशांत सिंह राजपूत का सगा जीजा माना जाता है, ने सुशांत की न्याय की लड़ाई में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके परिवार में दिव्या गौतम, जो कि ओपी सिंह की ममेरी बहन हैं, को बिहार की दीघा विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया है। यह उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि चुनावी राजनीति में उनका प्रवेश उनके परिवार के लिए नई संभावनाएं खोलता है।

सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई की राजनीतिक स्थिति

सुशांत सिंह राजपूत के चचेरे भाई नीरज कुमार सिंह बबलू वर्तमान में बिहार के छातापुर विधानसभा से विधायक हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में पर्यावरण और वन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। इस बात की चर्चा है कि ओपी सिंह को हरियाणा का पुलिस महानिदेशक बनाने के पीछे बिहार चुनाव भी एक कारण हो सकता है। बिहार में राजपूत वोट बैंक कई सीटों पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो किसी भी राजनीतिक दल की जीत-हार में निर्णायक साबित होता है।

ओपी सिंह बिहार के जमुई जिले के निवासी हैं और पुलिस महानिदेशक बनने से पहले अंबाला-पंचकूला और फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं। आइपीएस वाई पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़े मामले में पूर्व पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर को सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है, जिसके बाद ओपी सिंह को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

ओपी सिंह के रिटायरमेंट की तारीख और उनकी अन्य जिम्मेदारियां

ओपी सिंह इस वर्ष 31 दिसंबर को रिटायर होंगे। उनके पास हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एचएसएनसीबी) और हरियाणा पुलिस आवास निगम के महानिदेशक के रूप में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं। उनकी नियुक्ति से यह उम्मीद की जा रही है कि वे राज्य की पुलिस व्यवस्था में सुधार लाने के लिए नए कदम उठाएंगे।

ओपी सिंह की लेखन यात्रा: ‘क्राउड इंजीनियरिंग’ की चर्चा

हाल ही में ओपी सिंह की लिखी हुई पुस्तक ”क्राउड इंजीनियरिंग: फ्राम कंट्रोल टू द न्यू साइंस आफ कलेक्टिव बिहेवियर” काफी चर्चा में है। इस पुस्तक में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों को भीड़ प्रबंधन का वैज्ञानिक तरीका बताया है। ओपी सिंह की यह पुस्तक न केवल उनकी लेखन क्षमता को दर्शाती है बल्कि सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर उनकी गहरी समझ को भी उजागर करती है।

इससे पहले ओपी सिंह ने खेल और खिलाड़ियों, युवाओं के हौसले और जुनून पर भी तीन पुस्तकें लिखी हैं। उनकी अन्य पुस्तकों में ‘यू टू स्पोर्ट्स’, ‘हौसलानामा (जुनून हो तो मुश्किलें कहां)’ और ‘जिन ढूंढा तिन पाईयां’ शामिल हैं। विशेष रूप से ‘हौसलानामा’ में उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत का भी उल्लेख किया है, जो उनके और उनके परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ है।

भविष्य की संभावनाएं और महत्व

ओपी सिंह की नियुक्ति और उनकी साली का चुनावी मैदान में उतरना, दोनों ही घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि हरियाणा में उनके परिवार का राजनीतिक कद बढ़ रहा है। इससे न केवल उनके व्यक्तिगत करियर को बल मिलेगा, बल्कि यह राज्य की राजनीति पर भी एक सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

यह देखा जाना बाकी है कि ओपी सिंह अपने नए पद पर किस तरह की नीति और दिशा अपनाएंगे, लेकिन उनकी लेखन यात्रा और पुलिस सेवा में अनुभव से यह उम्मीद की जाती है कि वे पुलिस व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल करेंगे। उनके अनुभव और परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि उन्हें इस क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ हासिल करने में मदद कर सकती हैं।

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