राजस्थान में विजयादशमी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्यक्रम
शुक्रवार को राजस्थान के बाड़मेर शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर विजयादशमी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन राय नगर, गादान और शास्त्री नगर बस्तियों में किया गया। संघ के नगर कार्यवाह देवेंद्र सैन ने जानकारी दी कि इन तीनों बस्तियों में कार्यक्रम के बाद पथ संचलन का आयोजन भी किया गया। यह कार्यक्रम गंगागिरी मठ के महंत खुशालगिरी महाराज की उपस्थिति में और परीक्षित सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सीमजन कल्याण समिति के प्रदेश मंत्री सुरेश चौधरी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि संघ ने अपने शताब्दी वर्ष में समाज से पांच महत्वपूर्ण बातों को अपनाने का आह्वान किया है। ये बातें हैं: समरसता, स्व का बोध, पर्यावरण, नागरिक कर्तव्य और कुटुंब प्रबोधन। उन्होंने बताया कि यदि हम अपने घर से इन पांच बातों का पालन करना शुरू कर दें, तो भारत की उन्नति को कोई नहीं रोक सकता। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया, जो कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाता है।
पथ संचलन में जनसहयोग और उत्साह
कार्यक्रम के समापन के बाद स्वयंसेवकों ने घोष के साथ पथ संचलन निकाला, जो बस्तियों के मुख्य मार्गों से होकर गुजरा। इस पथ संचलन के दौरान स्थानीय निवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। लोगों ने “भारत माता की जय” के नारे लगाते हुए इस कार्यक्रम में अपनी भागीदारी की। यह एकता और समाज में भाईचारे का प्रतीक भी बन गया।
बाड़मेर नगर की 18 बस्तियों में से अब तक 17 बस्तियों में इस प्रकार के कार्यक्रम और पथ संचलन का आयोजन किया जा चुका है। यह कार्यक्रम संघ के कार्यों को और अधिक मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अंतिम कार्यक्रम रविवार को नेहरू नगर बस्ती में आयोजित किया जाएगा, जिसमें उम्मीद की जा रही है कि बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
संघ का उद्देश्य और समाज पर प्रभाव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का उद्देश्य केवल सांस्कृतिक जागरूकता फैलाना नहीं है, बल्कि समाज को एकजुट करने के लिए भी काम करना है। संघ के कार्यकर्ताओं का मानना है कि यदि समाज में समरसता और एकता स्थापित की जा सके, तो यह देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इन कार्यक्रमों के माध्यम से संघ ने लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने का काम किया है, जिससे कि वे अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को समझ सकें।
इस प्रकार के आयोजन केवल धार्मिक या सांस्कृतिक नहीं होते, बल्कि वे समाज में एक दूसरे के प्रति प्रेम और सहयोग को बढ़ावा देने का माध्यम बनते हैं। संघ का यह प्रयास न केवल वर्तमान पीढ़ी के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन सकता है।
समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कदम
संघ के कार्यक्रमों का उद्देश्य समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। जब लोग मिलकर एक उद्देश्य के लिए काम करते हैं, तो समाज में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। सुरेश चौधरी ने भी इस बात पर जोर दिया कि समाज में परिवर्तन लाने के लिए हमें पहले अपने घर से शुरुआत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब हम इन पांच बातों को अपने जीवन में उतारेंगे, तभी हम एक सशक्त और जागरूक समाज का निर्माण कर सकेंगे।
कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग अपने अनुभव साझा करते हुए यह बता रहे थे कि ऐसे आयोजनों से उन्हें अपने समाज के प्रति जिम्मेदारी का अनुभव होता है। यह न केवल उन्हें प्रेरित करता है, बल्कि उन्हें सामुदायिक गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए भी उत्साहित करता है।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का इस प्रकार का आयोजन न केवल त्योहारों की भावना को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज में एकता और अखंडता को भी मजबूत करता है। विजयादशमी के इस कार्यक्रम ने बाड़मेर के निवासियों को एक साथ लाने का काम किया है और यह संदेश दिया है कि जब हम एकजुट होते हैं, तो किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। आने वाले दिनों में इस प्रकार के और कार्यक्रमों की उम्मीद की जा रही है, जो समाज में एक नई दिशा देने का कार्य करेंगे।