लौला कुट्टी ने प्रोटीन प्रचार पर किया खुलासा
प्रसिद्ध VJ और कॉमेडियन अनुराधा मेनन, जिन्हें लौला कुट्टी के नाम से जाना जाता है, ने हाल ही में सोशल मीडिया पर छाई “प्रोटीन प्रचार” की चर्चा की। अनुराधा ने इस विषय पर अपनी व्यंग्यात्मक शैली में कहा कि अब जब भी वह कोई साधारण भारतीय भोजन जैसे डोसा खाती हैं, तो उन्हें ऐसा लगता है जैसे उनका खाना जज किया जा रहा है। उन्होंने यह भी मजाक में कहा कि यदि वह रोजाना 200 ग्राम प्रोटीन नहीं खाती हैं, तो उन्हें प्रोटीन शर्म से गिरने का डर है।
सोशल मीडिया का असर और प्रोटीन की बढ़ती मांग
अनुराधा मेनन का यह बयान उस समय आया है जब सोशल मीडिया पर प्रोटीन की कमी को हर समस्या का कारण बताया जा रहा है। चाहे वह खराब त्वचा हो या बेरोजगारी, हर चीज में प्रोटीन की कमी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस संदर्भ में, उन्होंने विचार व्यक्त किया कि यह प्रचार कितना अजीब है और इसे नियंत्रित करने की जरूरत है।
डायटिशियन कनीका मल्होत्रा का योगदान
इस विषय पर विशेषज्ञों की राय भी महत्वपूर्ण है। कनीका मल्होत्रा, जो एक कंसल्टेंट डायटिशियन हैं, ने इस प्रोटीन प्रचार पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि प्रोटीन को एक जादुई उपाय की तरह देखा जा रहा है, जबकि पोषण एक व्यक्तिगत और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से होना चाहिए। मल्होत्रा ने यह स्पष्ट किया कि स्वस्थ वयस्कों को केवल 0.8 से 1 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम शरीर के वजन की आवश्यकता होती है।
भारतीय आहार में प्रोटीन की पर्याप्तता
मल्होत्रा ने आगे कहा कि सक्रिय लोगों को थोड़ी अधिक प्रोटीन की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन सामान्यतः 2 ग्राम प्रति किलोग्राम प्रति दिन से अधिक प्रोटीन की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी बताया कि इससे गुर्दे की कार्यक्षमता और चयापचय स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। भारतीय आहार में दालें, डेयरी और संपूर्ण खाद्य पदार्थ प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त होते हैं।
संतुलन और संयम का महत्व
मल्होत्रा ने इस बात पर जोर दिया कि संतुलन, संयम और संदर्भ (उम्र, स्वास्थ्य और गतिविधि) को ध्यान में रखते हुए पोषण को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रोटीन के अत्यधिक लक्ष्यों के बजाय, पोषण के मूल सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करना अधिक महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
अनुराधा मेनन का यह मजाकिया अंदाज हमें यह समझाने में मदद करता है कि कैसे आधुनिक समाज में हम अपने आहार को लेकर अधिक चिंतित हो गए हैं। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि खान-पान में संतुलन बनाए रखना और अपने शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार खाना सबसे महत्वपूर्ण है। इस दिशा में सही जानकारी और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है ताकि हम स्वस्थ रह सकें।
प्रोटीन प्रचार से बचने के उपाय
- अपने आहार में विविधता लाएं।
- सेहतमंद और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- आवश्यकतानुसार प्रोटीन की मात्रा का ध्यान रखें।
- सोशल मीडिया ट्रेंड्स से प्रभावित न हों।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सलाह लें।