Dussehra 2025: कल दशहरा के दिन जरूर करें इस चालीसा का पाठ, जीवन में आ रही सभी बाधाएं होंगी दूर



दशहरा 2025: राम चालीसा का महत्व और पाठ दशहरा का पर्व: अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह दिन बुराई पर…

Dussehra 2025: कल दशहरा के दिन जरूर करें इस चालीसा का पाठ, जीवन में आ रही सभी बाधाएं होंगी दूर

दशहरा 2025: राम चालीसा का महत्व और पाठ

दशहरा का पर्व: अच्छाई की जीत का प्रतीक

दशहरा का पर्व भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जब भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष, दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में चल रहे अटके कामों से छुटकारा मिलता है।

दशहरा का पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहरी जड़ों से जुड़ा हुआ है। यह दिन हमें सिखाता है कि कठिनाइयों का सामना कैसे किया जाए और सच्चाई एवं धर्म के मार्ग पर चलते रहने की प्रेरणा देता है। इस दिन, भक्तजन विशेष रूप से भगवान श्रीराम की आराधना करते हैं, जिससे उनकी जिंदगी में सुख-समृद्धि का संचार होता है।

राम चालीसा का महत्व

यदि आप इस दशहरा पर भगवान श्रीराम की पूजा कर रहे हैं, तो राम चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी हो सकता है। यह चालीसा भक्तों को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी के अनुसार, राम चालीसा का पाठ करने से भक्त को कई प्रकार के उत्तम फल प्राप्त होते हैं।

राम चालीसा का पाठ करने से केवल भक्ति का अनुभव नहीं होता, बल्कि यह मन के संदेह और निराशा को दूर करने में भी सहायक होता है। भक्तों का मानना है कि जो इस चालीसा का नियमित पाठ करते हैं, उनके जीवन में भगवान श्रीराम का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। इस दिन इस चालीसा का पाठ विशेष रूप से किया जाता है, जिससे भक्तों को अनंत लाभ मिलते हैं।

दशहरा के दिन पाठ करने योग्य चालीसा

दोहा
आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं
वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं
बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्
पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं

चौपाई
श्री रघुबीर भक्त हितकारी । सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥
निशि दिन ध्यान धरै जो कोई । ता सम भक्त और नहिं होई ॥
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं । ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥
जय जय जय रघुनाथ कृपाला । सदा करो सन्तन प्रतिपाला ॥
दूत तुम्हार वीर हनुमाना । जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना ॥
तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला । रावण मारि सुरन प्रतिपाला ॥
तुम अनाथ के नाथ गोसाईं । दीनन के हो सदा सहाई ॥
ब्रह्मादिक तव पार न पावैं । सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ॥
चारिउ वेद भरत हैं साखी । तुम भक्तन की लज्जा राखी ॥
गुण गावत शारद मन माहीं । सुरपति ताको पार न पाहीं ॥
नाम तुम्हार लेत जो कोई । ता सम धन्य और नहिं होई ॥
राम नाम है अपरम्पारा । चारिहु वेदन जाहि पुकारा ॥
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हों । तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों ॥
शेष रटत नित नाम तुम्हारा । महि को भार शीश पर धारा ॥
फूल समान रहत सो भारा । पावत कोउ न तुम्हरो पारा ॥
भरत नाम तुम्हरो उर धारो । तासों कबहुँ न रण में हारो ॥
नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा । सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ॥
लषन तुम्हारे आज्ञाकारी । सदा करत सन्तन रखवारी ॥
ताते रण जीते नहिं कोई । युद्ध जुरे यमहूं किन होई ॥
महा लक्ष्मी धर अवतारा । सब विधि करत पाप को छारा ॥

राम चालीसा का पाठ: लाभ और फल

दशहरा के दिन राम चालीसा का पाठ करने से न केवल धार्मिक लाभ होता है, बल्कि यह व्यक्ति के मानसिक संतुलन और आंतरिक शांति में भी सहायक होता है। इस चालीसा के माध्यम से, भक्त भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करते हैं, जो जीवन में कठिनाइयों का सामना करने में मददगार साबित होती है।

इसके अलावा, राम चालीसा का पाठ करने से भक्तों को विभिन्न प्रकार के सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। लोग मानते हैं कि यह चालीसा पाठ करते समय अगर मन में श्रद्धा और विश्वास हो, तो सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। इस प्रकार, दशहरा के दिन राम चालीसा का पाठ करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया है, जो हमें अपने जीवन में सकारात्मकता लाने में मदद करता है।

दशहरा पर विशेष ध्यान

दशहरा का पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देता है। इस दिन, सभी भक्तों को चाहिए कि वे अपने मन को शुद्ध करें और भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन हो जाएं। दशहरा के इस पवित्र अवसर पर, राम चालीसा का पाठ करके हम अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना कर सकते हैं।

इस पर्व पर ध्यान रखें कि केवल पाठ करने से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि अपने जीवन में अच्छे कार्यों को स्थापित करना भी आवश्यक है। याद रखें, सच्ची भक्ति का फल हमेशा मीठा होता है। इस दशहरा पर, भगवान श्रीराम की कृपा सभी पर बनी रहे।

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