करवा चौथ 2025: भारतीय सनातन धर्म में करवा चौथ का व्रत विशेष महत्व रखता है। यह व्रत खासकर सुहागिन महिलाओं के लिए होता है जो अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए इसे करती हैं। इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और आमतौर पर निर्जला व्रत रखती हैं। इस वर्ष करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपनी पसंद के रंग की साड़ी पहनती हैं, लेकिन यह ध्यान रखना आवश्यक है कि कौन सा रंग शुभ माना जाता है।
इस दिन का मुख्य आकर्षण चंद्रमा को देखकर व्रत का पारण करना है। इसके साथ ही, ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी के अनुसार, इस दिन के विशेष महत्व और साड़ी के रंगों के बारे में विस्तार से जानना आवश्यक है।
करवा चौथ के दिन किस रंग की साड़ी पहननी चाहिए?
करवा चौथ के दिन लाल रंग की साड़ी पहनने का विशेष विधान है। कहा जाता है कि लाल रंग का संबंध सुहाग से होता है। यह रंग न केवल पति के सौभाग्य में वृद्धि करता है, बल्कि यह माता पार्वती का प्रिय रंग भी है। इसलिए इस दिन लाल रंग की साड़ी पहनने से अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। लाल रंग पहनने से न केवल शुभता आती है, बल्कि यह महिलाओं को आत्मविश्वास भी प्रदान करता है।
करवा चौथ के दिन किस रंग की साड़ी पहनने से बचना चाहिए?
हालांकि करवा चौथ के दिन गुलाबी, महरून या पीला रंग भी पहन सकते हैं, लेकिन यह व्रत मुख्य रूप से सुहाग के लिए होता है। इसलिए, सौभाग्य की प्राप्ति के लिए लाल रंग की साड़ी पहनना अधिक उचित है। इसके अलावा, इस दिन काला, भूरा, सफेद, ग्रे और गहरा नीला रंग पहनने से बचना चाहिए। इन रंगों का चयन करने से कई तरह की परेशानियाँ आ सकती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति की कमी हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भूरे रंग की साड़ी पहनने से वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और यह राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को भी बढ़ा सकता है। इससे रिश्तों में दरार आने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए, यदि आप इस दिन साड़ी पहनने का मन बना रही हैं, तो लाल रंग की साड़ी ही चुनें।
करवा चौथ की पूजा विधि और महत्व
करवा चौथ के दिन महिलाएं सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करती हैं और व्रत का संकल्प लेती हैं। इसके बाद वे पूजा की तैयारी करती हैं, जिसमें पूजा थाली में सभी आवश्यक सामग्रियां शामिल होती हैं जैसे मिठाई, फल, और पूजा सामग्री। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और चाँद को देखकर व्रत का पारण करती हैं।
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करना और व्रत का संकल्प लेना।
- पूजा की थाली में मिठाई, फल और पूजा सामग्रियों को रखना।
- दोपहर को उपवास रखना और शाम को चाँद निकलने का इंतज़ार करना।
- चाँद को देखकर अर्घ्य देना और पति का चेहरा देखकर व्रत का पारण करना।
निष्कर्ष
करवा चौथ का व्रत न केवल सुहागिन महिलाओं के लिए एक परंपरा है, बल्कि यह उनके पति और परिवार के प्रति उनकी अटूट प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी है। इस दिन साड़ी का रंग चुनना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल सौभाग्य लाता है, बल्कि वैवाहिक जीवन में भी सुख-शांति बनाए रखता है। इस करवा चौथ पर याद रखें कि लाल रंग की साड़ी पहनना आपके जीवन में खुशियों का संचार कर सकता है।