मैहर में विजयादशमी का उल्लास: 50 फीट के रावण का दहन
मैहर में विजयादशमी का पर्व इस वर्ष भी हर्षोल्लास और पारंपरिक धूमधाम के साथ मनाया गया। इस धार्मिक उत्सव के अवसर पर न केवल रावण का दहन किया गया, बल्कि मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन भी विधिपूर्वक संपन्न हुआ। उत्सव के दौरान श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ मां दुर्गा को विदाई दी। हालांकि, रावण दहन के बाद जले हुए ढांचे का अचानक गिरना एक गंभीर घटना बन गया, लेकिन सौभाग्य से इससे कोई जनहानि नहीं हुई।
इस पर्व का आयोजन नगर दशहरा समिति द्वारा वर्षों से किया जा रहा है। इस साल, जिला प्रशासन ने प्रतिमा विसर्जन के लिए बंधा, सोनवारी, तमस और घुसडू नदी किनारे विशेष कुंड का निर्माण कराया था। सुरक्षा के दृष्टिगत, पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की तैनाती की गई थी। इसके साथ ही, प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए क्रेन की भी व्यवस्था की गई थी।
दशहरे का शुभारंभ: शोभायात्रा और धार्मिक अनुष्ठान
विजयादशमी के इस पर्व की शुरुआत मैहर राजघराने के महाराज अक्षय राज सिंह जूदेव द्वारा मैहर किले में बांके बिहारी की पूजा-अर्चना के साथ की गई। इसके बाद, एक भव्य शोभायात्रा नगर की पुरानी बस्ती, घंटाघर और कटरा बाजार से होकर विसर्जन स्थल की ओर बढ़ी। इस शोभायात्रा में विधायक श्रीकांत चतुर्वेदी, नगर पालिका अध्यक्ष गीता संतोष सोनी, भाजपा जिला अध्यक्ष कमलेश सुहाने सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं ने देवी भजनों का आनंद लिया और रावण के पुतले का दहन देखने के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए थे। कार्यक्रम का आयोजन मैहर के खेल मैदान में किया गया, जहाँ हजारों लोग उपस्थित थे।
रावण दहन के बाद का हादसा: ढांचे का गिरना
मैहर में आयोजित रावण दहन के दौरान एक बड़ा हादसा टल गया। रावण के पुतले के दहन के बाद, जब कर्मचारी अवशेषों को इकट्ठा कर रहे थे, तभी जला हुआ ढांचा अचानक गिर पड़ा। गनीमत यह रही कि कर्मचारी समय रहते हट गए, जिससे किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत, पूरे आयोजन स्थल पर चौक-चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पूरे कार्यक्रम पर सीसीटीवी कैमरों द्वारा निगरानी रखी गई। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक सहित अन्य विभागीय अधिकारी लगातार सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करते रहे। इससे यह साबित होता है कि प्रशासन ने इस धार्मिक आयोजन को सफल और सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए।
उत्सव का माहौल: श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़
रावण दहन के बाद, जब जले हुए पुतले का ढांचा गिरा, तो वहां मौजूद सभी लोगों में एक आक्रोश उत्पन्न हुआ। लेकिन समय पर प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा व्यवस्था ने स्थिति को संभाल लिया। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होनी चाहिए।
मैहर में विजयादशमी का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और एकता का भी प्रतीक है। इस वर्ष के आयोजन ने सभी को एकजुट होकर एक सुखद वातावरण में त्योहार मनाने का अवसर प्रदान किया।
समग्र रूप से, विजयादशमी का यह पर्व मैहर में एक विशेष स्थान रखता है। यहां की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर ने इस पर्व को और भी खास बना दिया है। आने वाले वर्षों में भी इस प्रकार के आयोजन से न केवल धार्मिक आस्था को बल मिलेगा, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति को भी सहेजेगा।
इस प्रकार, मैहर में विजयादशमी का पर्व एक बार फिर से यादगार बना, जिसमें सभी ने मिलकर उत्सव का आनंद लिया।