Action: राजाखेड़ा में बिना अनुमति पेड़ काटने पर कार्रवाई, युवक को पकड़ा गया



राजाखेड़ा में पेड़ काटने का मामला: तहसीलदार ने की सख्त कार्रवाई की मांग धौलपुर जिले के राजाखेड़ा कस्बे में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां सड़क किनारे स्थित एक…

Action: राजाखेड़ा में बिना अनुमति पेड़ काटने पर कार्रवाई, युवक को पकड़ा गया

राजाखेड़ा में पेड़ काटने का मामला: तहसीलदार ने की सख्त कार्रवाई की मांग

धौलपुर जिले के राजाखेड़ा कस्बे में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां सड़क किनारे स्थित एक हरे-भरे पेड़ को बिना किसी अनुमति के काटने का मामला प्रकाश में आया है। इस घटना पर राजाखेड़ा तहसीलदार दीप्ति देव ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए आरोपित युवक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला पर्यावरण संरक्षण के प्रति लापरवाही को उजागर करता है और स्थानीय प्रशासन की गंभीरता की आवश्यकता को दर्शाता है।

कैंप से लौटते समय हुई पेड़ काटने की घटना की जानकारी

तहसीलदार दीप्ति देव शनिवार को फरासपुरा पंचायत में आयोजित एक कैंप से लौट रही थीं, तभी उनकी नजर सड़क किनारे खड़े एक स्वस्थ बरगद प्रजाति के पेड़ पर पड़ी, जिसे कुछ लोग काट रहे थे। उन्होंने तुरंत मौके पर मौजूद लोगों से पूछा कि क्या पेड़ काटने के लिए कोई अनुमति ली गई है। उनकी जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पेड़ काटने के लिए प्रशासन से कोई भी अनुमति नहीं ली गई थी, जो कि कानून का उल्लंघन है।

कानून का उल्लंघन: पेड़ काटने वाले युवक पर कार्रवाई

तहसीलदार ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए आरोपित युवक को पाबंद करने और उसके खिलाफ उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति हरे-भरे पेड़ों को काटना एक गंभीर अपराध है और यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारियों की अवहेलना करता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।

स्थानीय प्रशासन की ओर से की जा रही है जांच

तहसीलदार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को सतर्क रहना होगा। स्थानीय प्रशासन ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह घटना स्थानीय लोगों के लिए एक चेतावनी के रूप में भी सामने आई है कि पेड़ काटने से पहले उचित अनुमति लेना आवश्यक है।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता की आवश्यकता

इस घटना ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है कि क्या हम अपने पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक हैं या नहीं। पेड़ न केवल हमारे लिए ऑक्सीजन का स्रोत हैं, बल्कि वे प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम पेड़-पौधों की रक्षा करें और किसी भी प्रकार की कटाई से पहले उचित अनुमति प्राप्त करें।

समुदाय की जिम्मेदारी

स्थानीय समुदाय को भी इस बात की जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि वे अपने आसपास के पर्यावरण की सुरक्षा करें। पेड़ काटने की घटनाएं केवल कानूनी मुद्दा नहीं हैं, बल्कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। अगर हम सभी मिलकर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कदम उठाएं, तो हम अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित वातावरण बना सकते हैं।

तहसीलदार दीप्ति देव का यह कदम न केवल इस विशेष मामले के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अन्य लोगों के लिए भी एक संदेश है कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमें जागरूक रहना चाहिए। स्थानीय प्रशासन की इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि वे पर्यावरण के प्रति गंभीर हैं और किसी भी प्रकार के उल्लंघन को सहन नहीं करेंगे।

इस प्रकार की घटनाओं के प्रति सख्त रुख अपनाने से हमें उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे मामलों में कमी आएगी और लोग पर्यावरण सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे।

राजस्थान समाचार हिंदी में

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