Rice: बिलासपुर के एग्रीकल्चर कॉलेज में नई किस्म विक्रम-टीसीआर की जानकारी



धान की नई किस्म विक्रम-टीसीआर: किसानों के लिए एक वरदान धान की नई किस्म **विक्रम-टीसीआर** के आने से किसानों की खुशियों में इजाफा होने की संभावना है। यह नई किस्म…

Rice: बिलासपुर के एग्रीकल्चर कॉलेज में नई किस्म विक्रम-टीसीआर की जानकारी

धान की नई किस्म विक्रम-टीसीआर: किसानों के लिए एक वरदान

धान की नई किस्म **विक्रम-टीसीआर** के आने से किसानों की खुशियों में इजाफा होने की संभावना है। यह नई किस्म प्रति हेक्टेयर **60 से 70 क्विंटल** तक अधिक उपज दे सकती है, जो कि सामान्य धान की औसत पैदावार **40 से 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर** से लगभग **20 क्विंटल** अधिक है। इस नई किस्म की खेती से किसान अपनी आय में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी कर सकते हैं और खाद्य सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।

BARC और IGKV का सहयोग: किसानों के लिए एक नई पहल

यह महत्वपूर्ण जानकारी बिलासपुर के एग्रीकल्चर कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (**BARC**) के निदेशक द्वारा साझा की गई। इस कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ वैज्ञानिक **डॉ. गीत शर्मा** के मार्गदर्शन में किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को नई तकनीकों और फसलों की किस्मों के बारे में जागरूक करना था।

किसानों को विक्रम-टीसीआर धान की खूबियों के बारे में बताया गया

BARC, मुंबई के जैव विज्ञान समूह के निदेशक **डॉ. पी.ए. हसन** ने किसानों को विक्रम-टीसीआर धान की विशेषताओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि यह किस्म अन्य धान की किस्मों की तुलना में अधिक उपज देती है। इसकी खासियत यह है कि यह **रोग प्रतिरोधी** है, कम समय में तैयार होती है और इसकी ऊंचाई भी मध्यम होती है, जिससे फसल गिरने की समस्या नहीं होती।

डॉ. हसन ने आगे बताया कि विक्रम-टीसीआर धान कई समस्याओं के समाधान के लिए विकसित की गई है। इसके अलावा, **BARC** के परमाणु कृषि और जैवप्रौद्योगिकी प्रभाग के प्रमुख **डॉ. ए.डी. बलाल** ने भी किसानों को जानकारी दी कि धान के साथ-साथ दलहन और तिलहन फसलों की नई किस्में भी विकसित की जा रही हैं, जो जल्द ही किसानों के लिए उपलब्ध होंगी।

किसानों को विक्रम-टीसीआर धान लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया

कार्यक्रम के दौरान, BARC के केंद्रीय सुधार अनुभाग प्रमुख **डॉ. बी.के. दास** ने किसानों से अपील की कि वे इस नई किस्म को अधिक से अधिक खेतों में लगाएं। उन्होंने कहा कि विक्रम-टीसीआर धान से अच्छी उपज प्राप्त होती है, जो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सकती है।

रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (**IGKV**) के पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग के प्राध्यापक ने भी किसानों को बताया कि विक्रम-टीसीआर धान से अधिक उपज लेने के लिए आवश्यक तकनीकों को विस्तार से समझाया गया। इस प्रकार के प्रयासों से किसानों को नई तकनीकों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।

प्रगतिशील किसान राघवेन्द्र सिंह चंदेल का सम्मान

कार्यक्रम के दौरान, किसान **राघवेन्द्र सिंह चंदेल** को विक्रम-टीसीआर धान की किस्म के प्रचार में उनके योगदान के लिए **प्रशस्ति पत्र** देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान उनके द्वारा किए गए प्रयासों और योगदान को मान्यता देने के लिए था।

कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर की टीम के वैज्ञानिक भी उपस्थित थे, जिनमें **डॉ. शिल्पा कौशिक, डॉ. एकता ताम्रकार, पंकज मिंज, डॉ. निवेदिता पाठक,** और **डॉ. चंचला रानी पटेल** शामिल थे। इन सभी वैज्ञानिकों ने किसानों को नई तकनीकों और फसलों के बारे में जानकारी प्रदान की।

निष्कर्ष: विक्रम-टीसीआर धान का महत्व

विक्रम-टीसीआर धान की नई किस्म किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। इसकी उच्च उपज क्षमता, रोग प्रतिरोधकता और कम समय में तैयार होने की विशेषताएं इसे अन्य धान की किस्मों से अलग बनाती हैं। इस प्रकार की पहलें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।

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