बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में दुष्कर्म और अपहरण का मामला: दो आरोपी गिरफ्तार
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विजयनगर क्षेत्र में एक युवती के साथ दुष्कर्म और अपहरण के गंभीर मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है और मामले की जांच जारी है। यह घटना समाज में चिंता का विषय बनी हुई है और स्थानीय प्रशासन इस पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए तत्पर है।
पीड़िता की लिखित शिकायत और जांच
पीड़िता ने विजयनगर चौकी में अपनी लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि उसका एक स्थानीय युवक, अमीर अंसारी, से जान-पहचान थी। अमीर ने उसे नौकरी दिलाने का झांसा देकर 22 सितंबर 2025 को घर से भगा लिया। इसके बाद, उसे चार दिनों तक लटोरी में बंधक बनाकर रखा गया और 24 सितंबर को जान से मारने की धमकी देकर उससे **जबरन दुष्कर्म** किया गया। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में खौफ का माहौल पैदा कर दिया है।
पीड़िता ने बताया कि इस अपराध में रबीना उर्फ गुलाम खानी, जो कि अमीर का साथी है, ने भी उसे भागने में मदद की। रबीना ने अपनी मोटरसाइकिल से पीड़िता को बस पकड़वाने में सहारा दिया, जिससे वह अमीर से भागने में सफल हो सकी। यह जानकारी जांच में महत्वपूर्ण साबित हुई है और पुलिस ने इसी आधार पर अगली कार्रवाई की।
पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
पीड़िता की शिकायत के बाद विजयनगर चौकी और थाना रामानुजगंज में **अपराध क्रमांक 171/2025** के तहत मामला दर्ज किया गया। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 140 (3), 351 (2), 64, 3 (5) और अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम की धारा 3 (II) (IV) क के तहत आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। जांच के दौरान पीड़िता के बयान और घटनास्थल के निरीक्षण के आधार पर आरोप सही पाए गए।
पुलिस ने 15 अक्टूबर 2025 को आरोपी अमीर अंसारी (19 वर्ष) और उसके साथी रबीना उर्फ गुलाम खानी (42 वर्ष) को हिरासत में लिया। दोनों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें **जिला जेल रामानुजगंज** में दाखिल कर दिया गया। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने के लिए स्थानीय पुलिस की मेहनत और समर्पण को सराहा गया है।
पुलिस बल की भूमिका और सहयोग
इस मामले की जांच और कार्रवाई में एसडीओपी रामानुजगंज बाजीलाल सिंह, चौकी प्रभारी विजयनगर सहायक उपनिरीक्षक अश्विनी सिंह, प्रधान आरक्षक 557 जितेंद्र सिंह, और आरक्षक 811 मुनेश्वर पोर्ते का विशेष सहयोग रहा। उनकी त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पुलिस प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि पीड़िता को न्याय मिले और आरोपियों को सजा मिले।
समाज में जागरूकता और सुरक्षा के उपाय
इस प्रकार के अपराधों से निपटने के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और नागरिकों को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो। युवतियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। इसके अलावा, पुलिस को भी ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है।
इस घटना ने एक बार फिर से यह सिद्ध कर दिया है कि समाज में **महिलाओं की सुरक्षा** एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। सभी को मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी।