मध्य प्रदेश में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का सीधा संवाद
मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक (एसपी) सहित 250 से अधिक आईएएस, आईपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आज भोपाल में एकत्रित हुए हैं। यह बैठक कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के लिए आयोजित की गई है, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अधिकारियों के साथ सीधा संवाद करेंगे। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट करना और विकास कार्यों की समीक्षा करना है।
कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में इस कॉन्फ्रेंस की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यह मोहन सरकार के कार्यकाल में पहली बार हो रही फिजिकल कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस कॉन्फ्रेंस में कलेक्टर, एसपी, आईजी, संभागायुक्त, और पुलिस कमिश्नर इंदौर और भोपाल के साथ-साथ अन्य अधिकारियों को भी आमंत्रित किया है। मुख्य सचिव और डीजीपी की उपस्थिति में इस कॉन्फ्रेंस में 8 सेक्टरों में चर्चा होगी, जिसमें हर सेशन के लिए सवा घंटे का समय निर्धारित किया गया है।
फ्लैगशिप स्कीम का रिव्यू: टॉप और बॉटम जिलों की पहचान
कॉन्फ्रेंस के दौरान, सरकार की फ्लैगशिप स्कीम्स का विस्तृत रिव्यू किया जाएगा। इस रिव्यू में उन जिलों की जानकारी दी जाएगी जो इन स्कीम्स में अच्छा और खराब प्रदर्शन कर रहे हैं। टॉप 5 और bottome 5 जिलों की पहचान की जाएगी। यह जानकारी संबंधित जिलों के कलेक्टरों के प्रदर्शन से जोड़ी जाएगी। इसके आधार पर, सरकार उन अधिकारियों को सुधारने का मौका देने या फिर हटाने का निर्णय ले सकती है जो अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं।
कॉन्फ्रेंस में कलेक्टरों को अपनी बात रखने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा। उन्हें अधिकतम तीन मिनट बोलने का समय दिया जाएगा, जिसमें वे अपने नवाचार और जिला स्तर पर की जा रही योजनाओं की जानकारी साझा कर सकेंगे। कलेक्टरों को फील्ड में सामने आने वाली दिक्कतों और समस्याओं को भी साझा करने का मौका मिलेगा, साथ ही उन्हें सुझाव देने का भी अवसर दिया जाएगा।
जनसंवाद और रोजगार पर विशेष ध्यान
इस मीटिंग में मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री द्वारा जनसंवाद, रोजगार और योजनाओं की आसान डिलीवरी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कलेक्टरों को स्थानीय संसाधनों के आधार पर किए गए नवाचारों के अच्छे परिणामों पर चर्चा करने की अनुमति दी जाएगी। इसके साथ ही, जिला, ब्लाक और पंचायत स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार देने और सरकारी योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए जागरूकता के प्रयासों पर भी चर्चा की जाएगी।
कॉन्फ्रेंस के एजेंडों पर चर्चा
- कॉन्फ्रेंस के पहले दिन एग्री एंड एलाइड एक्टिविटीज और हेल्थ व न्यूट्रीशन पर चर्चा की जाएगी।
- इसके बाद एम्प्लायमेंट, इंडस्ट्रीज और इन्वेस्टमेंट, शहरीकरण तथा सुशासन पर भी सवा-सवा घंटे तक चर्चा की जाएगी।
- रात में सभी अधिकारियों को सीएम निवास के समत्व भवन में डिनर दिया जाएगा।
- दूसरे दिन कॉन्फ्रेंस की शुरुआत विभागों से जनसंपर्क एक्सपेक्टेशन को लेकर होगी।
- इसमें शिक्षा, ग्रामीण विकास और ट्रायबल तथा कानून व्यवस्था पर चर्चा की जाएगी।
कॉन्फ्रेंस में शामिल होने वाले विभागों की सूची
कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में 17 विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों की मौजूदगी रहेगी। इनमें शामिल हैं:
- वन और कृषि उत्पादन आयुक्त
- नगरीय विकास और आवास
- सामान्य प्रशासन
- वित्त विभाग
- पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग
- तकनीकी शिक्षा-कौशल विकास
- गृह विभाग
- योजना-आर्थिक और सांख्यिकी
- औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन
- जनजातीय कार्य विभाग
- लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा
- स्कूल शिक्षा
- किसान कल्याण और कृषि विकास
- महिला और बाल विकास
- परिवहन
- राजस्व
- विधि और विधायी कार्य विभाग
इस प्रकार, मध्य प्रदेश की कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की जाएगी और अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। यह कॉन्फ्रेंस न केवल प्रशासनिक सुधारों को लागू करने में सहायक होगी, बल्कि राज्य के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।