Monsoon: एमपी में बारिश का सिस्टम कमजोर, 10 अक्टूबर तक विदाई; अगले 2 दिन तक हल्की बारिश की संभावना



मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर, मानसून की विदाई नजदीक भोपाल में 6 अक्टूबर को रिकॉर्ड बारिश हुई, जब केवल दो घंटे में ही ढाई इंच पानी गिर गया।…

Monsoon: एमपी में बारिश का सिस्टम कमजोर, 10 अक्टूबर तक विदाई; अगले 2 दिन तक हल्की बारिश की संभावना

मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर, मानसून की विदाई नजदीक

भोपाल में 6 अक्टूबर को रिकॉर्ड बारिश हुई, जब केवल दो घंटे में ही ढाई इंच पानी गिर गया। यह घटना पिछले 16 वर्षों में सबसे अधिक बारिश के रूप में दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार मानसून की विदाई की तारीख भी नजदीक है, जो 10 से 12 अक्टूबर के बीच होने की संभावना है। हालांकि, इससे पहले प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना बनी हुई है।

मौसम विभाग के अनुसार, हाल के 48 घंटों में मध्य प्रदेश के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई। भोपाल के अलावा अन्य जिलों में भी बारिश की गतिविधियां देखी गईं, जैसे कि श्योपुर, शिवपुरी, गुना और हरदा। इन जिलों में भारी बारिश की घटनाएँ हुई हैं, जिससे जलभराव की स्थिति भी उत्पन्न हुई।

कई जिलों में तेज बारिश का असर

6 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के 33 जिलों में आंधी के साथ बारिश हुई। इस दौरान भोपाल, रायसेन, गुना और हरदा में भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने बताया कि हवा में नमी की अधिकता के कारण अचानक तेज बारिश का दौर शुरू हुआ। इसके बाद, सोमवार को बारिश का दौर थम गया, लेकिन कुछ जिलों में बूंदाबांदी जारी रही।

भोपाल में दिन में तेज धूप थी, लेकिन शाम होते-होते बादल छा गए। मौसम विभाग ने बताया कि मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में एक चक्रवात सक्रिय है, जिसके कारण हल्की बारिश का दौर बना रह सकता है। 9 अक्टूबर को कुछ जिलों में बूंदाबांदी या गरज-चमक की स्थिति बन सकती है।

मानसून की विदाई की तैयारी

मौसम विभाग के अनुसार, अब तक ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड और अन्य जिलों से मानसून विदाई ले चुका है। राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून विदा हो चुका है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल हो रही हैं।

इस साल, मानसून ने मध्य प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी। समय से एक दिन बाद प्रदेश में मानसून का आगमन हुआ। आमतौर पर, 6 अक्टूबर तक सभी जिलों से मानसून विदा हो जाता है, लेकिन नए सिस्टम के बनने से विदाई की तिथि आगे बढ़ सकती है।

मध्य प्रदेश में बारिश का रिकॉर्ड

इस साल गुना में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश हुई है, जबकि मंडला-रायसेन में 62 इंच से अधिक और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार जैसे जिलों में बारिश की मात्रा कम रही है। शाजापुर में 28.9 इंच, खरगोन में 29.6 इंच, खंडवा में 32 इंच और धार में 33.6 इंच बारिश हुई है।

इंदौर और उज्जैन की बारिश की स्थिति

इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति इस मानसूनी सीजन में ठीक नहीं रही थी। इंदौर में बारिश की कमी के चलते अटकलें थीं कि क्या यहाँ सामान्य बारिश भी होगी। लेकिन सितंबर में हुई तेज बारिश ने इंदौर में सामान्य बारिश का कोटा पूरा कर दिया। वहीं, उज्जैन जिले में अब भी कोटा पूरा नहीं हुआ है, और शाजापुर सबसे कम बारिश वाले जिलों में पहले स्थान पर है।

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बारिश का प्रभाव

पूर्वी हिस्से में जब से मानसून प्रवेश किया है, तब से ग्वालियर, चंबल और सागर क्षेत्र में तेज बारिश का सिलसिला जारी है। यहाँ बारिश के सिस्टम सक्रिय रहे हैं, जिससे कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के सभी आठ जिलों में बारिश की मात्रा सामान्य से अधिक रही है।

अगले 2 दिनों का मौसम पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने आगामी 2 दिनों के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। 10 अक्टूबर से मौसम साफ होने की संभावना है। हालांकि, 9 अक्टूबर को कुछ जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है।

अक्टूबर महीने में तापमान के रिकॉर्ड

अक्टूबर में भोपाल का सामान्य औसत अधिकतम तापमान 32.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19.1 डिग्री सेल्सियस रहा है। पिछले 10 वर्षों में तापमान हमेशा 33 डिग्री के पार ही रहा है। 2012 में तापमान 38 डिग्री तक पहुंच गया था।

इंदौर में भी पिछले 10 वर्षों में तापमान 36 डिग्री से 39 डिग्री के बीच रहा है। वहीं, ग्वालियर में अक्टूबर के महीने में दिन में तेज गर्मी पड़ती है, और वर्ष 2015 में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है।

इस प्रकार, मध्य प्रदेश में बारिश, मानसून की विदाई और तापमान के बीच का यह परिवर्तन मौसम के प्रति लोगों का ध्यान आकर्षित करता है।

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