कटनी जिले का करौंदी गांव: भौगोलिक केंद्र बिंदु पर सरकारी उपेक्षा
भारत के मध्य प्रदेश में स्थित कटनी जिले का करौंदी गांव, जिसे भौगोलिक केंद्र बिंदु होने का गौरव प्राप्त है, वर्तमान में गंभीर सरकारी उपेक्षा का शिकार हो रहा है। यह गांव विंध्याचल पर्वत श्रृंखला की पहाड़ियों के बीच और कर्क रेखा पर स्थित है, लेकिन अब यह बदहाली का सामना कर रहा है।
करौंदी गांव की ऐतिहासिक पहचान
करौंदी गांव, जो उमरिया पान से मात्र 5 किलोमीटर दूर स्थित है, यहां स्थापित एक शिलालेख पर इसके भौगोलिक केंद्र बिंदु होने का स्पष्ट उल्लेख है। इस शिलालेख से इस स्थल की ऐतिहासिक और राष्ट्रीय पहचान का पता चलता है। सरकार ने इस स्थल को टूरिस्ट मेगा सर्किट में शामिल किया था और इसके लिए 12 एकड़ भूमि आवंटित की थी।
विकास कार्य और उसकी स्थिति
वर्ष 2017 में यहां 61 लाख रुपए की लागत से विकास कार्य भी किया गया था। हालांकि, स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह विकास कार्य केवल कुछ वर्षों में जीर्ण-शीर्ण हो गया। भौगोलिक केंद्र बिंदु स्मारक के उचित रखरखाव के अभाव में इसकी टाइल्स उखड़ गई हैं और पूरा ढांचा खंडहर में बदल गया है।
स्थानीय सुविधाओं की कमी
लगभग 300 की आबादी वाले इस गांव में बुनियादी सुविधाओं का गंभीर अभाव है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, देश भर से पर्यटक यहां आते हैं, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें निराशा का सामना करना पड़ता है। केंद्र बिंदु स्थल पर शौचालय और पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं, जिससे पर्यटकों को भारी असुविधा होती है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस संदर्भ में मध्य प्रदेश शासन, संस्कृति पर्यटन, धार्मिक न्यास, राज्यमंत्री धर्मेंद्र भाव सिंह लोधी का कहना है कि उन्हें इस समस्या के बारे में जानकारी प्राप्त हुई है। वे अपनी टीम को करौंदी केंद्र बिंदु स्थल के निरीक्षण के लिए भेजने का आश्वासन देते हैं और कहते हैं कि जो भी कमियां हैं, उन्हें जल्द दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
सरकारी योजनाओं की कमी
करौंदी गांव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई थीं, लेकिन इन योजनाओं का सही कार्यान्वयन न होना इसकी पहचान को धूमिल कर रहा है। पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे यहां आकर अपने अनुभव को बेहतर बना सकें।
स्थानीय लोगों की अपेक्षाएं
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि करौंदी गांव की सुविधाओं में सुधार होता है तो यह स्थल न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा। इसके लिए आवश्यक है कि सरकार और प्रशासन इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।
निष्कर्ष
करौंदी गांव, जो कि भारत का भौगोलिक केंद्र बिंदु है, वर्तमान में सरकारी उपेक्षा का शिकार है। यदि इस स्थल को उचित सुविधाएं और रखरखाव प्रदान किया जाए, तो यह न केवल एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन सकता है, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार ला सकता है। अब यह प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे इस गांव के विकास के लिए ठोस कदम उठाएं।