MP News: Indore में खातीवाला टैंक पर डॉक्टर के क्लिनिक पर हंगामा; महिला के गलत इलाज से मौत का आरोप, पुलिस का बयान- पुराना मामला है लोगों का आक्रोश



इंदौर में महिला की मौत पर हंगामा, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक महिला की इलाज के दौरान मौत के बाद उसके…

MP News: Indore में खातीवाला टैंक पर डॉक्टर के क्लिनिक पर हंगामा; महिला के गलत इलाज से मौत का आरोप, पुलिस का बयान- पुराना मामला है लोगों का आक्रोश

इंदौर में महिला की मौत पर हंगामा, परिजनों ने डॉक्टर पर लगाए गंभीर आरोप

मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में एक महिला की इलाज के दौरान मौत के बाद उसके परिजन और रिश्तेदारों ने सोमवार रात को खातीवाला टैंक स्थित एक डॉक्टर के क्लिनिक पर हंगामा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि महिला की मौत गलत इलाज के कारण हुई है और डॉक्टर की डिग्री पाकिस्तान की है। यह मामला इंदौर के डॉ. ज्ञानचंद पंजवानी के क्लिनिक से जुड़ा हुआ है, जहां परिजनों ने आक्रोशित होकर हंगामा किया।

जानकारी के अनुसार, संजय खेड़े नामक व्यक्ति अपने कुछ नजदीकी लोगों के साथ रात को क्लिनिक पहुंचे और वहां हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि उनकी परिवार की महिला को डॉक्टर के बजाय क्लिनिक के कम्पाउंडर ने इंजेक्शन लगाया था, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। यह घटना उस समय हुई जब महिला को इलाज के लिए लाया गया था। हंगामे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया। जूनी इंदौर थाना के टीआई अनिल गुप्ता ने बताया कि यह मामला पुराना है और परिजनों का गुस्सा इसी कारण है।

डॉक्टर का पक्ष: इलाज और मौत का विवरण

डॉ. ज्ञानचंद पंजवानी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 18 सितंबर को महिला मंजू के परिजन उसे क्लिनिक पर लाए थे। उन्होंने बताया कि महिला मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना कर रही थी और उनका प्रारंभिक इलाज किया गया था। इसके बाद परिजनों ने महिला को एक अन्य प्राइवेट अस्पताल में ले जाया, जहां उसी दिन उसकी मौत हो गई।

डॉ. पंजवानी ने यह भी स्पष्ट किया कि उस दिन वह क्लिनिक पर मौजूद नहीं थे और उनके असिस्टेंट श्रीचंद ने ही मरीज को सलाइन लगाई थी। उन्होंने कहा, “जब महिला की हालत सही नहीं हुई, तो परिजन उसे एवीपी हॉस्पिटल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई।” इसके बाद परिजन क्लिनिक पर आए और इलाज के बारे में जानकारी और मृत्यु प्रमाणपत्र मांगने लगे। जब उन्हें मना किया गया, तो उन्होंने हंगामा कर दिया।

डॉक्टर की डिग्री पर उठे सवाल

डॉ. पंजवानी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके पास 38 साल का चिकित्सा अनुभव है और उन्हें पाकिस्तान की डिग्री हासिल करने के आरोप गलत हैं। उन्होंने कहा, “मेरी डिग्री पूरी तरह से वैध है और मैंने 38 वर्षों तक चिकित्सा क्षेत्र में काम किया है।” यह जानकारी उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं और पेशेवर अनुभव को स्पष्ट करने के लिए दी।

इस घटना ने इंदौर में चिकित्सा सेवा के मानकों और डॉक्टरों के पेशेवर आचरण पर सवाल उठाए हैं। महिला की मौत के बाद उसके परिवार की प्रतिक्रिया और डॉक्टर का बचाव, दोनों ही चिकित्सा क्षेत्र में गंभीर विमर्श का विषय बन गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में उचित जांच और कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच

पुलिस ने हंगामे की सूचना मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रित किया। जूनी इंदौर थाना प्रभारी अनिल गुप्ता ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि परिजनों के आरोपों की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।

इस घटना ने इंदौर में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और डॉक्टरों की जिम्मेदारियों पर एक बार फिर से चर्चा छेड़ दी है। समाज में इस तरह के मामलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि मरीजों का इलाज बेहतर तरीके से हो सके और उनके परिवारों को इस तरह के दुखद अनुभवों का सामना न करना पड़े।

अंत में, यह घटना एक गंभीर संकेत है कि हमें चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता और डॉक्टरों की नैतिक जिम्मेदारियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। आने वाले समय में इस मामले की जांच से कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हो सकता है जो चिकित्सा क्षेत्र को दिशा देने में मदद करेगा।

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