दंतेवाड़ा में मौसम की स्थिति: बारिश और धूप का मिश्रण
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में इस समय मौसम में कुछ बदलाव देखने को मिल रहे हैं। आसमान में बादल छाए हुए हैं, लेकिन इसके बीच-बीच में धूप भी निकल रही है। यह परिवर्तन प्रदेश के लिए एक नई मौसम स्थिति का संकेत दे रहा है।
मानसून की विदाई: उत्तरी और मध्य छत्तीसगढ़ से वापस लौट गया मानसून
छत्तीसगढ़ के उत्तरी और मध्य हिस्सों से मानसून लगभग विदा हो चुका है। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि हालांकि, दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों तक हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। इस दौरान, सुकमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव और कांकेर जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश और आंधी के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। इस चेतावनी के चलते स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
बलौदाबाजार में बाढ़ का दृश्य: मिनी ट्रक का बहाव
इसी बीच, बलौदाबाजार के अमेठी गांव से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें महानदी पर बने एनीकट से करीब 2 फीट ऊपर बहते पानी के बीच एक मिनी ट्रक गुजरता हुआ दिखाई दे रहा है। इस वाहन में लगभग 30 से 40 लोग सवार थे, जो कि इस दृश्य को देखते हुए बेहद चिंतित थे। यह घटना यह दर्शाती है कि बारिश का पानी किस हद तक बढ़ गया है और इसके कारण स्थानीय आबादी को कितनी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले 24 घंटों में बारिश का आंकड़ा: भैरमगढ़ में रिकॉर्ड बारिश
पिछले 24 घंटों में भैरमगढ़ में सबसे ज्यादा 40 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं, अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस दुर्ग में और न्यूनतम तापमान 20.8 डिग्री सेल्सियस पेंड्रारोड में रिकॉर्ड किया गया। यह आंकड़े स्थानीय मौसम की स्थिति को स्पष्ट करते हैं और बताते हैं कि प्रदेश में बारिश के चलते तापमान में भी परिवर्तन आ रहा है।
अक्टूबर में बारिश का रिकॉर्ड: सामान्य से 109% अधिक वर्षा
इस बार अक्टूबर में अब तक सामान्य से 109% अधिक बारिश दर्ज की गई है। आमतौर पर, 8 अक्टूबर तक राज्य में औसतन 28.3 मिमी वर्षा होती है और मानसून लौट चुका होता है। लेकिन, इस बार अब तक 59.1 मिमी से ज्यादा बारिश हो चुकी है, जो यह दर्शाता है कि इस वर्ष मौसम में असामान्य बदलाव आए हैं।
मानसून की वापसी में देरी: 10-12 दिन की देरी का असर
मौसम विभाग के अनुसार, 30 सितंबर तक हुई बारिश को मानसून की बारिश माना जाता है, जबकि इसके बाद की बारिश को ‘पोस्ट मानसून’ यानी मानसून के बाद की बारिश कहा जाता है। इस बार देश के कई हिस्सों से मानसून की वापसी शुरू हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में आमतौर पर 5 अक्टूबर के आसपास सरगुजा की तरफ से मानसून लौटना शुरू होता है, लेकिन इस बार वापसी में 10-12 दिन की देरी हुई है।
जिलों में बारिश का अंतर: बलरामपुर में सामान्य से 52% अधिक वर्षा
प्रदेश में अब तक 1167.4 मिमी औसत बारिश हुई है। बेमेतरा जिले में अब तक 524.5 मिमी पानी बरसा है, जो सामान्य से 50% कम है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव और रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास हुई है। वहीं, बलरामपुर में 1520.9 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 52% ज्यादा है। ये आंकड़े 30 सितंबर तक के हैं और दर्शाते हैं कि कुछ क्षेत्रों में बारिश की स्थिति में काफी भिन्नता है।
बिजली गिरने का विज्ञान: बादलों में बिजली का निर्माण
क्या आपको पता है कि बादलों में बिजली कैसे गिरती है? बादलों में मौजूद पानी की बूंदें और बर्फ के कण हवा के साथ रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें बिजली जैसा चार्ज बनता है। कुछ बादलों में पॉजिटिव और कुछ में नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं तो बिजली बनती है।
आमतौर पर यह बिजली बादलों के भीतर ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह इतनी तेज होती है कि यह धरती तक पहुंच जाती है। बिजली को धरती तक पहुंचने के लिए कंडक्टर की जरूरत होती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान ऐसे कंडक्टर बनते हैं। अगर कोई व्यक्ति इनके पास या संपर्क में होता है तो वह बिजली की चपेट में आ सकता है।
निष्कर्ष: मौसम की स्थिति और सावधानी
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में मानसून की विदाई के साथ-साथ बारिश की स्थिति ने कई चर्चाएं और चिंताएं पैदा की हैं। लोगों को आगामी मौसम के लिए सतर्क रहना चाहिए और मौसम विभाग की सलाहों का पालन करना चाहिए। इस समय, बारिश के चलते स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।