वेल्डिंग कार्य के दौरान ऊंचाई से गिरने से वेल्डर की मौत
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक दुखद हादसा सामने आया है, जहां एक वेल्डर की ऊंचाई से गिरने के कारण मौत हो गई। यह घटना चक्रधर नगर थाना क्षेत्र में घटित हुई, जब वेल्डर कार्य करते समय 45 फीट की ऊंचाई पर चढ़ा हुआ था। इस दौरान वह चैनल वेल्डिंग का काम कर रहा था, तभी अचानक उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर गया। इस घटना ने न केवल उसके परिवार को बल्कि पूरे काम करने वाले समुदाय को गहरा दुख पहुंचाया है।
जानकारी के अनुसार, मृतक वेल्डर का नाम श्रीकांत कुमार सिंह है, जो बिहार के औरंगाबाद जिले के ग्राम देउरी नेवरा का निवासी था। श्रीकांत की आयु मात्र 21 वर्ष थी, और वह एजी कंस्ट्रक्शन के तहत वेल्डिंग का कार्य कर रहा था। गुरुवार के दिन, जब यह हादसा हुआ, तब श्रीकांत कोटमार स्थित इंड एनर्जी पावर प्लांट के स्टॉक हाउस के पास प्लेटफार्म बनाने का काम कर रहा था।
हादसे का विवरण और घटनास्थल
घटना के समय श्रीकांत प्लेटफार्म में चढ़कर वेल्डिंग का कार्य कर रहा था। अचानक, उसका संतुलन बिगड़ गया और वह गिर पड़ा, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। घटना के समय वहां अन्य मजदूर भी उपस्थित थे, जिन्होंने हादसे के बाद तुरंत इकट्ठा होकर स्थिति को समझने की कोशिश की। उन्होंने घटना की जानकारी एजी कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार अदालत गिरी और कंपनी प्रबंधन को दी।
श्रीकांत को तुरंत एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने न केवल श्रीकांत के परिवार को दुखी किया, बल्कि पूरे कामकाजी वर्ग में सुरक्षा मानकों की कमी पर भी सवाल खड़े किए।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना के बाद, स्थानीय पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया, जहां बुधवार को शव का पंचनामा कर आगे की कार्रवाई की गई। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि निर्माण स्थलों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन कितना आवश्यक है, ताकि ऐसे दुखद हादसों से बचा जा सके।
- घटना चक्रधर नगर थाना क्षेत्र में हुई।
- मृतक का नाम श्रीकांत कुमार सिंह, उम्र 21 वर्ष।
- वह बिहार के औरंगाबाद जिले का निवासी था।
- हादसे के समय वह 45 फीट की ऊंचाई पर वेल्डिंग कर रहा था।
- पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सुरक्षा मानकों की आवश्यकता
इस घटना ने निर्माण स्थलों पर सुरक्षा मानकों की अनिवार्यता को एक बार फिर से उजागर किया है। उद्योग में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल प्रबंधन की जिम्मेदारी है, बल्कि सभी कर्मचारियों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वे सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें और सुरक्षित कार्यप्रणाली अपनाएं।
ऐसे मामलों में, प्रबंधन को चाहिए कि वे नियमित रूप से सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करें और कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरणों के उपयोग के प्रति जागरूक करें। इसके अलावा, कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसे न हों।
श्रीकांत की दुखद मौत ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। अगर हम सभी मिलकर काम करें और सुरक्षा मानकों का पालन करें, तो हम इस तरह की घटनाओं को रोक सकते हैं।
इस घटना के बाद, श्रीकांत के परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की जा रही है। समाज के सभी वर्गों को इस तरह के हादसों से सीख लेना चाहिए और कार्य स्थलों पर सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।