मरवाही पुलिस ने गौवंश तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया
छत्तीसगढ़ के मरवाही जिले में पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गौवंश तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई थाना मरवाही क्षेत्र के ग्राम बहरी झोरकी नाका के जंगल में की गई, जहां से 13 मवेशियों को सुरक्षित रूप से बरामद किया गया। इस कार्रवाई ने क्षेत्र में गौवंश की सुरक्षा को लेकर लोगों के बीच एक सकारात्मक संदेश पहुंचाया है।
पुलिस को मटियाडांड से अवैध रूप से मवेशियों को ले जाने की जानकारी मिली थी। इसके बाद, पुलिस अधीक्षक सुरजन राम भगत के निर्देश पर और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओम चंदेल के मार्गदर्शन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने गौसेवकों और स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से जंगल में घेराबंदी की।
मुख्य आरोपी सहित छह गिरफ्तार
घेराबंदी के दौरान पुलिस ने मुख्य आरोपी अर्जुन सिंह राठौर समेत कुल छह लोगों को मौके से पकड़ लिया। गिरफ्तारी के समय आरोपियों के कब्जे से 11 मवेशी, 5 रस्सी और 5 लाठी बरामद की गई हैं। यह सभी सामान तस्करी के लिए उपयोग किया जा रहा था, जिससे यह साबित होता है कि आरोपियों की योजना कितनी संगठित थी।
गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों के खिलाफ गौवंश परिरक्षण अधिनियम और पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की इस कार्रवाई को अंतरराज्यीय तस्करी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। यह घटना यह दर्शाती है कि पुलिस प्रशासन इस तरह की अवैध गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है और इसे रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
पुलिस की मेहनत और स्थानीय सहयोग
इस कार्रवाई में पुलिस की मेहनत और स्थानीय लोगों का सहयोग महत्वपूर्ण रहा। पुलिस अधीक्षक सुरजन राम भगत ने इस कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों की भागीदारी की सराहना की है। उन्होंने कहा, “गौवंश की सुरक्षा के लिए पुलिस और स्थानीय समुदाय का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम सभी को मिलकर इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने की दिशा में काम करना होगा।”
स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस कार्रवाई का समर्थन किया और कहा कि इस तरह की तस्करी से न केवल पशुओं को नुकसान होता है, बल्कि यह पूरे समुदाय की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है। ग्रामीणों ने पुलिस को इस दिशा में और भी सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
निष्कर्ष
मरवाही पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि जब पुलिस और स्थानीय समुदाय एकजुट होते हैं, तो वे किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोकने में सक्षम होते हैं। गौवंश की सुरक्षा केवल पुलिस का कार्य नहीं है, बल्कि यह सभी का कर्तव्य है। इस घटना ने यह भी संकेत दिया है कि प्रशासन इस दिशा में गंभीर है और आवश्यक कदम उठा रहा है।
इस प्रकार की घटनाओं से न केवल पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित होती है, बल्कि यह समाज में कानून व्यवस्था को भी बनाए रखती है। पुलिस की इस कार्रवाई की प्रशंसा की जा रही है और उम्मीद है कि आगे भी ऐसे प्रयास जारी रहेंगे।