“Innovation: राजस्थान की गर्ल्स ने बनाए महिलाओं के लिए जीवन आसान करने वाले उत्पाद, बिना लाइट चलने वाली वॉशिंग मशीन और गर्मी से राहत देने वाला पौछा”



पाली जिले की प्रतिभाशाली बेटियों ने किया कमाल पाली जिले के राणावास गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली कविता सीरवी ने एक अनूठी वॉशिंग मशीन का निर्माण किया है,…

“Innovation: राजस्थान की गर्ल्स ने बनाए महिलाओं के लिए जीवन आसान करने वाले उत्पाद, बिना लाइट चलने वाली वॉशिंग मशीन और गर्मी से राहत देने वाला पौछा”

पाली जिले की प्रतिभाशाली बेटियों ने किया कमाल

पाली जिले के राणावास गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली कविता सीरवी ने एक अनूठी वॉशिंग मशीन का निर्माण किया है, जो बिना बिजली के चलती है। यह मशीन न केवल कपड़े धोने में मदद करेगी, बल्कि महिलाओं की स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएगी। आज अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर, हम आपको पाली की कुछ ऐसी बेटियों की प्रेरणादायक कहानियों से परिचित कराते हैं, जो भविष्य में पाली का नाम रोशन करने की क्षमता रखती हैं।

इन बेटियों में से किसी ने साइकिल के पैडल मारने वाली वॉशिंग मशीन बनाई है, तो किसी ने बारिश में कपड़े भीगने से बचाने वाले मॉडल का निर्माण किया है। इनकी मेहनत और नवाचार सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी सिद्ध होंगे।

वीणा का क्यूआर कोड आधारित ट्रेन गेट मॉडल

पाली जिले के वरकाणा गांव की वीणा ने एक विशेष मॉडल विकसित किया है, जो ट्रेन के कोच के गेट को क्यूआर कोड स्कैन करने पर खोलेगा। इस नवाचार का उद्देश्य ट्रेन यात्रा के दौरान होने वाली चोरी और लूट की घटनाओं को कम करना है। वीणा ने बताया कि इस मॉडल को बनाने में उन्हें लगभग एक महीने का समय लगा। ट्रेन के टिकट पर एक क्यूआर कोड होगा, जिसे यात्री को स्कैन करना होगा। यदि यात्री का टिकट उस कोच में है, तो गेट खुलेगा, अन्यथा वह अंदर नहीं जा सकेगा। यह प्रणाली यात्रा के दौरान सुरक्षा में वृद्धि करेगी।

कविता सीरवी की स्वास्थ्यवर्धक वॉशिंग मशीन

कविता सीरवी ने अपनी वॉशिंग मशीन का निर्माण केवल पांच दिनों में किया। यह मशीन बाज़ार में उपलब्ध अन्य वॉशिंग मशीनों की तुलना में काफी सस्ती है और इसे चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता नहीं है। इस मशीन का संचालन पेडल मारने के माध्यम से किया जाता है, जिससे महिलाओं को व्यायाम करने का भी अवसर मिलता है। इसका उपयोग महिलाओं की स्वास्थ्य को सुधारने में भी मदद करेगा।

डिम्पल का बारिश में कपड़े बचाने वाला मॉडल

पाली के बालिया स्कूल की डिम्पल ने बरसात के दौरान छत पर सूख रहे कपड़ों को सुरक्षित रखने के लिए एक अनोखा मॉडल बनाया है। यह मॉडल रैन सेंसर पर आधारित है, जो बारिश की बूंदों के गिरने पर कपड़ों को सुरक्षित स्थान पर फोल्ड कर देगा। डिम्पल ने बताया कि इस मॉडल के माध्यम से, महिलाओं को बारिश के दौरान कपड़े भीगने की चिंता नहीं रह जाएगी।

वंशिका का कंफर्ट पौछा

रास के बांगड़ पब्लिक स्कूल की वंशिका शेखावत ने एक ऐसा पौछा बनाया है, जिसमें एक छोटा फैन लगा है। यह फैन महिलाओं को पौछा लगाते समय ठंडी हवा प्रदान करेगा, जिससे गर्मी से राहत मिलेगी। उन्होंने इस मॉडल को बनाने में लगभग 15 दिन का समय लिया।

यशिका का सड़क सुरक्षा प्रोजेक्ट

सोजत सिटी के बिरला इंटरनेशनल स्कूल की यशिका मेवाड़ा ने मोड़ पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए एक प्रोजेक्ट विकसित किया है। इस प्रोजेक्ट में मोड़ पर वाहन के आने पर लाल लाइट जलती है और जब कोई गाड़ी नहीं होती है तो हरी लाइट जलती है। इससे चालक को मोड़ पर सुरक्षा का संकेत मिलेगा। यह नवाचार सड़क पर हादसों की संख्या को कम करने में सहायक होगा।

महेंद्र की स्मार्ट छड़ी

दिव्यांगों के लिए एक स्मार्ट छड़ी बनाने में महेंद्र ने अपनी कड़ी मेहनत लगाई है। यह छड़ी आंखों से नहीं देख पाने वाले लोगों को गड्ढे और अन्य बाधाओं से बचाने में मदद करती है। इस स्मार्ट छड़ी में एक सेंसर लगा है, जो 1 से 2 मीटर की रेंज में आने वाली बाधाओं की जानकारी देता है। महेंद्र ने इसे बनाने में लगभग दो महीने का समय लगाया।

समाज के लिए प्रेरणा स्रोत

इन प्रतिभाशाली बेटियों की कहानियां हमें यह सिखाती हैं कि तकनीकी नवाचार और कड़ी मेहनत से किसी भी समस्या का समाधान संभव है। ये युवा महिलाएं न केवल अपने लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक प्रेरणा बन गई हैं।

इनकी उपलब्धियां यह दर्शाती हैं कि जब युवा अपने सपनों को साकार करने की दिशा में मेहनत करते हैं, तो वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। पाली की यह बेटियां निश्चित रूप से आने वाले समय में अपनी प्रतिभा और मेहनत से समाज को एक नई दिशा देने की क्षमता रखती हैं।

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