रायपुर में 40 हजार करोड़ के 23 प्रोजेक्ट्स का कार्य जारी
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वर्तमान में 40 हजार करोड़ रुपये की लागत से 23 महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इन प्रोजेक्ट्स में एक प्रमुख परियोजना 465 किमी लंबा रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक कॉरिडोर भी शामिल है। इन परियोजनाओं के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद न केवल व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि होगी, बल्कि समग्र विकास की रफ्तार भी तेज हो जाएगी। यह परियोजना भारत माला के तहत संचालित हो रही है, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से 16,491 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
कॉरिडोर के महत्व और प्रगति
रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर तीन राज्यों से होकर गुजरेगा। इनमें से छत्तीसगढ़ में 125 किमी सड़क का निर्माण 4,146 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। NHAI ने इस सड़क का 80% निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद, रायपुर से विशाखापट्टनम की यात्रा का समय कम हो जाएगा। वर्तमान में इस मार्ग पर यात्रा करने में लगभग 12 घंटे लगते हैं, लेकिन 2026 में जब यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा, तब यह समय घटकर 7 घंटे रह जाएगा।
कॉरिडोर की संरचना और निर्माण कार्य
रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर की कुल लंबाई 465 किमी है, जिसमें से अधिकांश का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस कॉरिडोर में छत्तीसगढ़ में 125 किमी, ओडिशा में 240 किमी और आंध्र प्रदेश में 100 किमी का निर्माण होना है। परियोजना के निदेशक ने बताया कि यह सिक्सलेन सड़क पहाड़ों और जंगलों के बीच से गुजरेगी, जिससे यात्रा का अनुभव और भी सुखद होगा।
पहली टनल का निर्माण
इस प्रोजेक्ट में 2.7 किमी लंबी टनल का निर्माण भी शामिल है, जिसमें से बायीं तरफ की टनल का कार्य पूरा हो चुका है जबकि दायीं तरफ का काम अभी जारी है। केशकाल पहाड़ियों के अंदर से यह सुरंग बनेगी, जो दुधावा डैम के पास से होते हुए कांकेर केशकाल की पहाड़ियों तक जाएगी। इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे सलना-पलना के बाद ओडिशा में प्रवेश करेगा।
समयसीमा और लक्ष्य
रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर का 80% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और एक तरफ की टनल भी बन गई है। इस परियोजना को अप्रैल 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। NHAI के रीजनल ऑफिसर प्रदीप कुमार लाल ने बताया कि यह परियोजना छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
समग्र विकास की दिशा में एक कदम
इन सभी प्रोजेक्ट्स के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद छत्तीसगढ़ का आर्थिक परिवेश बदलने की संभावना है। व्यापारी वर्ग और आम जनता दोनों को इस कॉरिडोर के माध्यम से नए अवसर प्राप्त होंगे। यह न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, यह क्षेत्रीय विकास को गति देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- कॉरिडोर की कुल लंबाई: 465 किमी
- छत्तीसगढ़ में सड़क निर्माण: 125 किमी
- NHAI द्वारा लागत: 16,491 करोड़ रुपये
- यात्रा समय में कमी: 12 घंटे से 7 घंटे
- पहली टनल की लंबाई: 2.7 किमी
रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण के साथ-साथ अन्य प्रोजेक्ट्स के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन से छत्तीसगढ़ राज्य की समग्र विकास की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है। यह परियोजना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए लाभकारी साबित होगी।