रायपुर में अवैध प्लॉटिंग पर काबू पाने के लिए नगर निगम का नया कदम
राजधानी रायपुर में अवैध प्लॉटिंग की बढ़ती समस्या को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। नगर निगम अब भूमाफियाओं की अवैध कॉलोनियों को अधिग्रहित कर उनकी व्यवस्था को सुधारने का कार्य करेगा। इस प्रक्रिया के तहत अवैध कॉलोनियों का लेआउट स्वीकृत कराया जाएगा और वहाँ सभी आवश्यक सुविधाएँ विकसित की जाएँगी। इसके बाद वहाँ ज़मीन खरीदने वाले लोगों को विकसित प्लॉट्स आवंटित किए जाएँगे।
पहले फ़ेज़ में 10 अवैध प्लॉटिंग का चयन
नगर निगम ने पहले फ़ेज़ में ज़ोन-8 और ज़ोन-10 में ऐसी 10 अवैध प्लॉटिंग का चयन किया है, जिन्हें भूमाफियाओं ने बिना किसी स्वीकृति के लोगों को बेचा था। ज़ोन-8 में हीरापुर, जरवाय, सोनडोंगरी जैसे इलाकों से जुड़ी 10 अवैध प्लॉटिंग को नगर निगम ने अपने कब्ज़े में लिया है। वहीं, ज़ोन-10 के बोरियाखुर्द इलाके में भी दो अवैध प्लॉटिंग का अधिग्रहण किया गया है।
अवैध प्लॉटिंग के बारे में पूर्व की कार्रवाई
रायपुर और प्रदेश के अन्य नगरीय निकायों में अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ पहले केवल खानापूर्ति की जाती थी। निगम और जिला प्रशासन अक्सर वहाँ बनी मुरूम की सड़कों को खोद देते थे, लेकिन कुछ वर्षों बाद स्थिति पहले जैसी हो जाती थी। लोग अपने ख़रीदे गए प्लॉट्स में मकान बनाते रहते थे, जिससे भूमाफियाओं को भी फायदा होता था। इसके परिणामस्वरूप, कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने पर खरीदारों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
नए मॉडल के तहत अवैध प्लॉटिंग का विकास
रायपुर नगर निगम अब एक नए मॉडल पर काम कर रहा है, जिसके तहत ऐसी अवैध प्लॉटिंग को अपने अधीन लेकर वहाँ सभी मूलभूत सुविधाएँ विकसित की जाएँगी। इसके बाद, वहाँ के खरीदारों को उनके ज़मीन अनुपात में विकसित प्लॉट्स आवंटित किए जाएँगे। नगर निगम का यह प्रयास अगर सफल होता है, तो यह अवैध प्लॉटिंग पर नियंत्रण पाने में सहायक होगा और आम नागरिक भी धोखाधड़ी से बच सकेंगे।
कलेक्टर की अनुशंसा पर निगम कर रहा टेकओवर
नगर निगम के अवैध प्लॉटिंग टेकओवर करने की प्रक्रिया को लेकर कुछ सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या निगम को इस अधिकार का उपयोग करने का अधिकार है। नगर निगम एक्ट के तहत अवैध प्लॉटिंग को रोकने और उसके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार निगम को प्राप्त है। धारा 292-च के अनुसार, निगम कमिश्नर को यह अधिकार है कि वह अवैध प्लॉटिंग को अपने अधिग्रहण में लेकर उसका प्रबंधन कर सके।
न्यू स्वागत विहार मॉडल पर होगी प्रक्रिया
अवैध प्लॉटिंग को टेकओवर करने और विकसित प्लॉट देने की प्रक्रिया न्यू स्वागत विहार की तर्ज़ पर की जाएगी। वहाँ के प्लॉट खरीदार पिछले डेढ़ दशक से समस्याओं का सामना कर रहे थे, लेकिन अब राज्य शासन के आदेश के बाद नगर निगम वहाँ लोगों को प्लॉट्स आवंटित कर रहा है। इसी तर्ज़ पर शहर के अवैध प्लॉटिंग को टेकओवर करने के बाद निगम प्रकाशन करेगा।
पूर्व की कार्रवाई जारी रहेगी
नगर निगम केवल उन अवैध प्लॉटिंग का अधिग्रहण कर सकता है, जिनके खिलाफ पहले से कार्रवाई की जा चुकी है। भूमाफियाओं के खिलाफ एफ़आईआर की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। नगर निगम एक्ट के तहत अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है, और इसमें संबंधित भूमाफियाओं के खिलाफ पुलिस में एफ़आईआर कराने का भी प्रावधान है।
कानूनी तरीके से हो रहा काम
नगर निगम ने अवैध प्लॉटिंग का प्रबंधन अधिग्रहण के लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन किया है। रायपुर कलेक्टर को इस संदर्भ में पत्र भेजा गया था, और उनकी जाँच कमेटी की अनुशंसा के बाद कार्रवाई की जा रही है। यह प्रक्रिया शासन के आदेश पर न्यू स्वागत विहार की तर्ज़ पर की जा रही है, जो अवैध प्लॉटिंग पर नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
-विश्वदीप, कमिश्नर रायपुर नगर निगम