Online टैक्स वसूली: छत्तीसगढ़ में एक माह बाद भी शुरू नहीं हो पाई प्रक्रिया



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Online टैक्स वसूली: छत्तीसगढ़ में एक माह बाद भी शुरू नहीं हो पाई प्रक्रिया

छत्तीसगढ़: जीआईएस आधारित संपत्तिकर पोर्टल का शुभारंभ

छत्तीसगढ़ में जीआईएस आधारित संपत्तिकर पोर्टल का शुभारंभ

छत्तीसगढ़ राज्य में संपत्तिकर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और आधुनिक बनाने के उद्देश्य से 12 अगस्त को जीआईएस आधारित संपत्तिकर पोर्टल https://cgurbangis.in का शुभारंभ किया गया था। इस पोर्टल का उद्देश्य न केवल नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करना है, बल्कि संपत्तिकर प्रबंधन में दक्षता और पारदर्शिता को भी बढ़ाना है।

ऑनलाइन मॉड्यूल की विशेषताएँ

इस पोर्टल के अंतर्गत एक ऑनलाइन मॉड्यूल भी विकसित किया गया है, जो कि नगर निकाय के कर्मचारियों को संपत्तिकर प्रबंधन के कार्यों में सहायता प्रदान करेगा। इस मॉड्यूल में निम्नलिखित सुविधाएं शामिल हैं:

  • ऑनलाइन और ऑफलाइन भुगतान की सुविधा
  • संपत्ति डेटा में संशोधन करने की क्षमता
  • अन्य प्रशासनिक कार्यों के निष्पादन की सुविधा

हालांकि, एक माह बीतने के बावजूद, नगर पालिकाओं में इस सुविधा का उपयोग शुरू नहीं हो पाया है। नागरिक आज भी मैनुअल तरीके से संपत्तिकर, जलकर और अन्य टैक्स जमा कर रहे हैं। यह स्थिति चिंताजनक है और इसे जल्द से जल्द ठीक करने की आवश्यकता है।

नगरीय प्रशासन विभाग की पहल

नगरीय प्रशासन विभाग ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए नगर पालिका अकलतरा, चांपा और जांजगीर-नैला को एक पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि वे टैक्स वसूली को ऑनलाइन माध्यम से शुरू करें। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि निकायों के अधिकारियों और कर्मचारियों को लॉगइन आईडी और पासवर्ड उपलब्ध कराए गए हैं।

रियल टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा

इस नए पोर्टल के माध्यम से शासन और निकायों को टैक्स संग्रहण की सटीक और अपडेट जानकारी उपलब्ध होगी। इससे कर वसूली की रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी, जो व्यवस्था में सुधार लाने में मददगार साबित होगी। इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2025-26 से ऑफलाइन संपत्तिकर, समेकितकर और जलकर भुगतान को ऑनलाइन लेने के निर्देश भी दिए गए हैं। यह कदम निश्चित रूप से नागरिकों को अधिक सुविधाजनक सेवाएं प्रदान करेगा।

निष्कर्ष

जीआईएस आधारित संपत्तिकर पोर्टल का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छत्तीसगढ़ राज्य में संपत्तिकर प्रणाली को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया है। हालांकि, इस पोर्टल की सुविधाओं का सही उपयोग तभी संभव होगा जब नगर पालिकाएं इसे सक्रिय रूप से अपनाएं और नागरिकों को इस प्रणाली के लाभों के बारे में जागरूक करें।

आशा है कि आने वाले दिनों में इस पोर्टल के माध्यम से संपत्तिकर प्रणाली में सुधार देखने को मिलेगा और छत्तीसगढ़ के नागरिकों को एक नई और सुविधाजनक सेवा का अनुभव होगा।

छत्तीसगढ़ समाचार हिंदी में

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