Election Update: बिहार में निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे पूर्व MLC रणविजय सिंह



बिहार विधानसभा चुनाव: रणविजय सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों ने एक बार फिर से राजनीतिक हलचल को तेज…

Election Update: बिहार में निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे पूर्व MLC रणविजय सिंह

बिहार विधानसभा चुनाव: रणविजय सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों ने एक बार फिर से राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। इसी क्रम में, पूर्व विधान परिषद सदस्य रणविजय सिंह ने आगामी चुनावों में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी दावेदारी पेश की है। यह घोषणा उन्होंने अपने गांव फरना के कार्यालय परिसर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की, जिसमें उनके समर्थकों और क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों की बड़ी संख्या उपस्थित थी।

रणविजय सिंह ने 16 अक्टूबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की बात कही है। इस अवसर पर उनके समर्थकों ने उन्हें जयकारों और फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया। उन्होंने कहा, “जनता का आशीर्वाद और समर्थन ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। मैं किसी दल के प्रतीक से नहीं, बल्कि जनता के विश्वास के प्रतीक के रूप में मैदान में उतर रहा हूं।”

रणविजय सिंह का विकास के प्रति संकल्प

रणविजय सिंह ने अपने चुनावी अभियान में क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने और युवाओं को अवसर प्रदान करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि वह हमेशा जनता की आवाज को उठाने में विश्वास रखते हैं। उनकी चुनावी घोषणा के साथ ही उनके समर्थकों ने प्रचार-प्रसार की तैयारियों को तेज कर दिया है। गांव-गांव में बैठकें और संपर्क अभियान शुरू हो गया है, जिससे उनकी लोकप्रियता में और भी वृद्धि हो रही है।

उन्होंने बड़हरा विधानसभा क्षेत्र को लेकर कहा, “आज बड़हरा विधानसभा के लिए काला दिन है। हम लोग एनडीए घटक दल के एक सिपाही हैं।” रणविजय ने यह भी कहा कि क्षेत्र की जनता और उनके समर्थकों ने मिलकर तय किया है कि वे बड़हरा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

एनडीए और भाजपा पर सवाल उठाते हुए रणविजय सिंह

रणविजय सिंह ने एनडीए के घटक दलों, विशेषकर भाजपा, पर सवाल उठाते हुए कहा कि “वर्तमान विधायक चुनाव जीतने के बाद क्या काम किया, यह किसी को पता नहीं है। इतने विरोध के बाद भी भाजपा ने उन्हें टिकट दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पिछले एक साल से क्षेत्र में जनता के बीच काम किया है और अब उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हुआ है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी छोड़कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू का दामन थामा था, लेकिन पार्टी ने उनकी निष्ठा और मेहनत का सम्मान नहीं किया। उनका निर्दलीय चुनाव लड़ना बड़हरा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।

समर्थकों का उत्साह और चुनाव प्रचार की तैयारियाँ

रणविजय सिंह के समर्थकों ने उनके नेतृत्व में चुनावी प्रचार को तेज करने का निर्णय लिया है। क्षेत्र में कई बैठकें आयोजित की जा रही हैं और स्थानीय लोगों से संपर्क अभियान को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि रणविजय सिंह की यह चुनावी रणनीति कितनी सफल होती है और वे किस तरह से जनता के बीच अपनी जगह बनाने में सफल होते हैं।

इस चुनाव में रणविजय सिंह का निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरना उनके राजनीतिक करियर का एक नया अध्याय हो सकता है। यदि वे सफल होते हैं, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि उनके समर्थकों के लिए भी एक बड़ी जीत होगी।

बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है और इससे यह साफ होता है कि आगामी चुनावों में कई नए चेहरे और विचार सामने आ सकते हैं। रणविजय सिंह का चुनावी सफर निश्चित रूप से राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बिंदु बनेगा।

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