बिहार विधानसभा चुनाव: नालंदा जिले में नामांकन प्रक्रिया की सुस्ती
बिहार के नालंदा जिले में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया छठे दिन भी सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही है। बुधवार को जिले की सात विधानसभा सीटों से महज आठ प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए, जिनमें एक महिला प्रत्याशी भी शामिल हैं। यह स्थिति चुनावी प्रक्रिया के लिए चिंताजनक मानी जा रही है, क्योंकि यह संकेत देती है कि राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के बीच उत्साह की कमी है।
बुधवार को नामांकन भरने वालों में बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र से वन एवं पर्यावरण मंत्री और भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुनील कुमार का नाम सबसे प्रमुख है। उनके साथ ही इस सीट से बजरंग दल के पूर्व संयोजक कुंदन कुमार उर्फ मोहित ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। नालंदा विधानसभा क्षेत्र से बसपा के प्रियदर्शी अशोक ने भी नामांकन पत्र भरा है, जो कि चुनावी गतिविधियों की शुरुआत का संकेत देता है।
जन सुराज पार्टी की सक्रियता और नामांकन
नवगठित जन सुराज पार्टी की ओर से बुधवार को अस्थावां विधानसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह की बेटी लता सिंह ने नामांकन भरा। ये नामांकन राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके अलावा, हरनौत से कमलेश पासवान और राजगीर से सत्येंद्र पासवान ने भी जन सुराज पार्टी के टिकट पर नामांकन किया। पार्टी की इस सक्रियता से यह स्पष्ट है कि वह नालंदा जिले में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए गंभीर है।
हरनौत सीट से जदयू के हरिनारायण सिंह और निर्दलीय अनिरुद्ध कुमार ने भी नामांकन दाखिल किया। हिलसा से इंडियन नेशनल सोशलिस्टिक एक्शन फोर्सेस के बाबूचंद चौधरी और सुधीर कुमार ने निर्दलीय के रूप में नामांकन भरा। इस प्रकार, सभी राजनीतिक दल सक्रियता के साथ नामांकन प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं, लेकिन फिर भी प्रत्याशियों की संख्या बहुत कम है।
नामांकन की स्थिति और बड़ी पार्टियों का इंतजार
नालंदा जिले की सात विधानसभा सीटों – हरनौत, बिहारशरीफ, नालंदा, हिलसा, इस्लामपुर, अस्थावां और राजगीर – से बुधवार तक कुल मिलाकर केवल 12 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है। यह संख्या एनआर (नामांकन रजिस्ट्रेशन) खरीदने वालों की तुलना में बेहद कम है। 84 लोगों ने एनआर खरीदा था, लेकिन अभी तक उनमें से अधिकांश ने नामांकन नहीं भरा है।
इस स्थिति को देखते हुए, यह साफ है कि बड़ी राजनीतिक पार्टियों का नामांकन में योगदान अभी तक अपेक्षित स्तर तक नहीं पहुंचा है। चुनावी गतिविधियों की इस सुस्ती के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें राजनीतिक रणनीतियों का पुनर्विचार और उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया शामिल है।
महत्वपूर्ण जानकारी और अंतिम तिथि
नामांकन की अंतिम तिथि शुक्रवार है, और इस समय तक उम्मीद की जा रही है कि अधिक प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल करेंगे। इस प्रकार, नालंदा जिले में अब तक की नामांकन प्रक्रिया की स्थिति निम्नलिखित है:
- कुल नामांकन (बुधवार तक): 12
- एनआर खरीदने वाले: 84
- अभी भी नामांकन करने वाले: 71
यह स्थिति न केवल नालंदा जिले में चुनावी माहौल को प्रभावित कर रही है, बल्कि यह अन्य क्षेत्रों में भी संभावित प्रत्याशियों के लिए चिंता का विषय बन सकती है। सभी पार्टियों को चाहिए कि वे जल्द से जल्द अपने प्रत्याशियों की घोषणा करें और चुनावी प्रक्रिया को गति प्रदान करें।
बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया में यह सुस्ती सभी राजनीतिक दलों के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है, और ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतिम तिथि के नजदीक आते-आते क्या स्थिति में सुधार होता है या नहीं।