दुर्ग जिले में अवैध शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई
दुर्ग जिले में अवैध शराब के खिलाफ आबकारी विभाग ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। रविवार, 12 अक्टूबर को भोर गश्त के दौरान पाटन क्षेत्र के ग्राम घोड़ारी में छापा मारा गया। इस छापे में अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के विरुद्ध ठोस कदम उठाए गए। इस कार्रवाई से क्षेत्र में अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने की दिशा में एक नया कदम उठाया गया है।
अवैध शराब और लाहन की जब्ती
आबकारी विभाग की टीम को सूचना प्राप्त हुई थी कि ग्राम घोड़ारी में अवैध शराब का निर्माण किया जा रहा है। टीम ने मौके पर पहुँचकर 150 लीटर महुआ शराब और 2000 किलोग्राम महुआ लाहन जब्त किया। लाहन को तुरंत मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। इसके साथ ही, खेतों के पास से 8 अवैध भट्टियां भी पकड़ी गईं, जिन्हें तोड़ दिया गया। हालांकि, इस कार्रवाई के दौरान आरोपी खेत के रास्ते से भागने में सफल रहे।
अवैध शराब निर्माण के खिलाफ मामले दर्ज
इस प्रकरण में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) के तहत दो मामले दर्ज किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र में लंबे समय से अवैध शराब निर्माण की शिकायतें मिल रही थीं। घोड़ारी गांव में महुआ से अवैध शराब बनाने की कई बार शिकायतें की जा चुकी हैं, और इस तरह की घटनाओं पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
आबकारी विभाग की टीम की सक्रियता
इस कार्रवाई की योजना कलेक्टर अभिजीत सिंह और सहायक आयुक्त आबकारी सी.आर. साहू के मार्गदर्शन में बनाई गई थी। आबकारी विभाग की टीम में विभिन्न विशेषज्ञ शामिल थे जैसे कि ADEO सुप्रिया शर्मा, पंकज कुजूर, ESI अरविन्द साहू, हरीश पटेल, भूपेंद्र नेताम, प्रियंक ठाकुर, गीतांजलि ताराम, अनामिका टोप्पो और भोजराम रत्नाकर। यह टीम अवैध शराब के खिलाफ सख्त कार्रवाई को सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है।
अवैध शराब के खिलाफ निरंतर अभियान
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने इस कार्रवाई के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि जिले में अवैध शराब के निर्माण और बिक्री के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सहायक आयुक्त सी.आर. साहू ने भी इस बात को दोहराया कि अवैध शराब निर्माण पर अंकुश लगाने के लिए भोर गश्त और सर्च ऑपरेशन निरंतर जारी रहेंगे।
समुदाय की जागरूकता और सहयोग
आबकारी विभाग का मानना है कि इस तरह की कार्रवाईयों से न केवल अवैध शराब का कारोबार कम होगा, बल्कि समुदाय में जागरूकता भी बढ़ेगी। विभाग ने स्थानीय निवासियों से अपील की है कि वे ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके। अवैध शराब का कारोबार न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक है।
आगे की चुनौतियाँ और रणनीतियाँ
हालांकि, अवैध शराब कारोबार को समाप्त करना आसान नहीं है, लेकिन आबकारी विभाग की सक्रियता और स्थानीय समुदाय का सहयोग इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अधिकारियों का कहना है कि वे नई रणनीतियों के तहत गश्त और छापेमारी को और अधिक प्रभावशाली बनाने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए तकनीकी संसाधनों का उपयोग भी किया जाएगा ताकि अवैध गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।
इस प्रकार, दुर्ग जिले में अवैध शराब के खिलाफ उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट होता है कि सरकार इस समस्या को गंभीरता से ले रही है और इस पर कड़ी नज़र रखी जा रही है। आगे भी इस दिशा में कार्यवाही जारी रहेगी ताकि समाज को सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सके।