Bank: उत्तर प्रदेश में 47.50 लाख का गबन, पूर्व बैंक अधिकारी गिरफ्तार, पत्नी-बच्चों के खातों में ट्रांसफर किए पैसे



लखनऊ में बैंक अधिकारी द्वारा 47.50 लाख का गबन: गिरफ्तार लखनऊ की गाजीपुर थाना पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए मानसरोवर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अधिकारी राजीव पांडेय…

Bank: उत्तर प्रदेश में 47.50 लाख का गबन, पूर्व बैंक अधिकारी गिरफ्तार, पत्नी-बच्चों के खातों में ट्रांसफर किए पैसे

लखनऊ में बैंक अधिकारी द्वारा 47.50 लाख का गबन: गिरफ्तार

लखनऊ की गाजीपुर थाना पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए मानसरोवर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अधिकारी राजीव पांडेय को गिरफ्तार किया है। उन पर 47.50 लाख रुपए के गबन का आरोप है। जानकारी के अनुसार, राजीव पर आरोप है कि उन्होंने विभागीय धनराशि में हेराफेरी की और इस रकम को अपनी पत्नी और बच्चों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। इस मामले की सूचना बैंक के प्रबंधक द्वारा पुलिस को दी गई, जिसके बाद जांच शुरू की गई।

गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर राजेश कुमार मौर्या ने बताया कि आरोपी राजीव पांडेय कृष्णानगर एलडीए कॉलोनी सेक्टर-डी के निवासी हैं। उनके खिलाफ इंदिरानगर शाखा के प्रबंधक आशुतोष मिश्रा ने एफआईआर दर्ज कराई। प्रबंधक के अनुसार, राजीव वर्ष 1997 से बैंक की इंदिरानगर शाखा में अधिकारी वर्ग-दो के पद पर कार्यरत थे और 16 सितंबर 2023 तक उनकी सेवा जारी रही।

गबन की प्रक्रिया और जांच की जानकारी

राजीव पांडेय ने बैंक में अपनी नौकरी के दौरान कई महत्वपूर्ण कार्यों का संचालन किया, जिसमें एसीएच क्लीयरिंग, बैंक समाधानीकरण और दैनिक जमा योजना शामिल थे। हालांकि, उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के दौरान, एक ऑडिट में गड़बड़ियों का पता चला। जांच में यह खुलासा हुआ कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर ग्राहकों के खातों में हेरफेर की और कुल मिलाकर लगभग 47.50 लाख रुपए का गबन किया।

आडिट टीम की रिपोर्ट के अनुसार, राजीव ने गबन की गई राशि को अपने परिवार के सदस्यों के खातों में ट्रांसफर किया था, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए राजीव को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है। इस घटना ने बैंकिंग क्षेत्र में सुरक्षा और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है।

पुलिस कार्रवाई और आगे की प्रक्रिया

पुलिस ने आरोपी राजीव पांडेय को गिरफ्तार करते हुए कहा है कि इस मामले में आगे की विधिक प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। इस प्रकार की घटनाएं बैंकिंग सिस्टम में विश्वास को कमजोर कर सकती हैं, इसलिए पुलिस और बैंक प्रशासन दोनों ही इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि गबन की राशि की वसूली के लिए सभी संभव प्रयास किए जाएंगे।

  • राजीव पांडेय के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
  • पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
  • बैंक ने सुरक्षा उपायों को सख्त करने का निर्णय लिया है।
  • जांच में शामिल सभी दस्तावेजों की सावधानी से जांच की जा रही है।

इस मामले ने न केवल बैंकिंग प्रणाली के प्रति लोगों के विश्वास को चुनौती दी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बैंकिंग अधिकारियों की जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण होती है। बैंक के प्रबंधक ने कहा है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे और सभी कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

बैंकिंग क्षेत्र में सुरक्षा उपायों की आवश्यकता

इस घटना के बाद, बैंकिंग क्षेत्र में सुरक्षा उपायों पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि बैंक को अपनी आंतरिक प्रक्रियाओं और सुरक्षा उपायों को मजबूत करना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों। इसके अलावा, ग्राहकों को भी अपनी जानकारी और धन की सुरक्षा के प्रति जागरूक होना चाहिए।

बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बनाए रखने के लिए सभी stakeholders को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। इस तरह की घटनाएं न केवल बैंक की छवि को प्रभावित करती हैं, बल्कि समग्र आर्थिक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।

अंत में, यह घटना एक महत्वपूर्ण सबक है और इससे सभी को सीखने की आवश्यकता है। बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता, सुरक्षा और नैतिकता को बनाए रखना सभी के लिए आवश्यक है।

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