Cannabis: सुपौल कोर्ट ने तीन तस्करों को 15 साल की सजा दी



सुपौल में गांजा तस्करी के तीन आरोपियों को मिली 15 साल की सजा बिहार के सुपौल जिले में गांजा तस्करी के एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पंचम सह विशेष…

Cannabis: सुपौल कोर्ट ने तीन तस्करों को 15 साल की सजा दी

सुपौल में गांजा तस्करी के तीन आरोपियों को मिली 15 साल की सजा

बिहार के सुपौल जिले में गांजा तस्करी के एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश पंचम सह विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट, सुनील कुमार तृतीय की अदालत ने बुधवार को तीन आरोपियों को दोषी ठहराते हुए 15-15 वर्ष का सश्रम कारावास और डेढ़-डेढ़ लाख रुपये का अर्थदंड सुनाया। यह मामला क्षेत्र में नशा तस्करी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

दोषियों की पहचान और गिरफ्तारी की जानकारी

सुपौल जिले के रतनपुरा थाना क्षेत्र से संबंधित तीनों दोषियों की पहचान की गई है। ये आरोपी हैं रंजीत कुमार मेहता (वार्ड संख्या-3), अनिल सादा (वार्ड संख्या-2) और देवचंद्र सादा (वार्ड संख्या-1), सभी निवासी पिपराही गांव के। इस मामले में एक अन्य आरोपी रंजीत मुखिया को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया।

238 किलो गांजा की बरामदगी

यह मामला 27 फरवरी 2023 का है, जब पुलिस ने रतनपुरा पूर्वी कोसी तटबंध पर छापेमारी कर 238 किलोग्राम गांजा बरामद किया। इस छापेमारी के दौरान तीनों तस्करों को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ रतनपुरा थाने में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। यह बरामदगी न केवल एक बड़ी सफलता थी, बल्कि इससे क्षेत्र में नशा तस्करी की गंभीरता का भी पता चलता है।

गवाहों के बयान पर आधारित फैसला

विशेष लोक अभियोजक धर्मेंद्र कामत ने बताया कि मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। अभियोजन पक्ष ने एसपी शरथ आर.एस. के निर्देशन में कुल पांच गवाहों को अदालत में पेश किया। गवाहों के बयानों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने तीनों आरोपियों को दोषी मानते हुए कठोर सजा सुनाई। इस फैसले ने न्याय प्रणाली के प्रति आम लोगों का विश्वास बढ़ाया है।

नशा तस्करों के लिए संदेश

अदालत के इस निर्णय को सुपौल जिले में नशा तस्करी के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा है। इस फैसले ने क्षेत्र में सक्रिय गांजा कारोबारियों और नशा माफियाओं को एक स्पष्ट संदेश दिया है कि नशे के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ अब कानून सख्ती से कार्रवाई करेगा। इससे न केवल स्थानीय समुदाय को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि यह नशे के खिलाफ एक मजबूत चेतावनी भी है।

समाज में नशा तस्करी की समस्या

बिहार में नशा तस्करी की समस्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे युवाओं का भविष्य भी संकट में पड़ रहा है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई न केवल कानून को मजबूती प्रदान करती है, बल्कि समाज में जागरूकता भी बढ़ाती है। सुपौल के इस मामले में अदालत के निर्णय ने यह साबित कर दिया है कि नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।

निष्कर्ष

सुपौल जिले में गांजा तस्करी के खिलाफ की गई यह कार्रवाई न केवल न्यायिक प्रणाली की मजबूती को दर्शाती है, बल्कि यह समाज में नशा तस्करी की समस्या को जड़ से समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। उम्मीद की जाती है कि इस तरह के फैसले अन्य क्षेत्रों में भी नशा तस्करी के खिलाफ सख्ती को बढ़ावा देंगे।

इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस को एक नई दिशा दी है, जिससे वे नशा तस्करी के खिलाफ और अधिक प्रभावी कदम उठा सकें। ऐसे मामलों में न्याय की प्रक्रिया का सही तरीके से पालन होना आवश्यक है, ताकि समाज में एक सकारात्मक बदलाव आ सके।

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