आगरा में शरद पूर्णिमा का भव्य उत्सव
आगरा। शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में भक्तिभाव और भक्ति की ज्योति से जगमगा उठा कमला नगर स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर (इस्कॉन आगरा)। सोमवार प्रातः 4:30 बजे मंगला आरती के साथ कार्तिक मास दीपदान महोत्सव का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर 2100 दीपों की लौ और श्वेत पोशाक में सजे भक्तों ने भक्ति का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया।
मंदिर प्रांगण में हरे कृष्ण हरे राम के संकीर्तन के साथ भक्तों ने दामोदराष्टकम और तुलसी आरती की। इस दौरान मंदिर दीपों की श्रृंखला से झिलमिला उठा। इस्कॉन अध्यक्ष अरविंद स्वरूप ने बताया कि पूरे कार्तिक मास में प्रतिदिन दामोदराष्टकम, गोपीगीत और दीपदान कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही गोपाष्टमी, बैकुंठ चतुर्दशी, देवउत्थान एकादशी, दीपावली जैसे पर्व भी भक्ति उल्लास से मनाए जाएंगे।
10 साल बाद भगवान जगन्नाथ का नया सिंहासन
शरद पूर्णिमा के इस विशेष अवसर पर भगवान जगन्नाथ को 10 वर्ष बाद नए सिंहासन पर विराजमान किया गया। मंदिर अध्यक्ष अरविंद प्रभु ने बताया कि भगवान के इस नव सिंहासनारोहण को देखने के लिए सैकड़ों भक्तों की भीड़ उमड़ी। भक्तों ने भगवान के श्वेत वस्त्रधारी स्वरूप के दर्शन को अपने लिए सौभाग्य माना। उनके दर्शन से भक्तों के मन में भक्ति की भावना और भी प्रगाढ़ हो गई।
यशोदा-दामोदर के दर्शन इस महीने
कार्तिक मास को भगवान श्रीकृष्ण का अत्यंत प्रिय महीना माना जाता है। इस महीने का महत्व विशेषकर उस लीला की स्मृति में है, जब माता यशोदा ने भगवान को ओखल से बांधा था। इस महीने को यशोदा-दामोदर उत्सव के रूप में मनाने की परंपरा है। इस दौरान श्रीकृष्ण की कई दिव्य लीलाएं जैसे गौचारण, गिरिराज धारण, महारास, इंद्र दमन, कालिया नाग मर्दन, गोवर्धन पूजा और समुद्र मंथन भी हुईं।
भक्तों का मानना है कि जिस प्रकार चंद्रमा महारास देखने ठहर गए थे, उसी प्रकार कार्तिक की हर रात्रि में भक्ति का प्रकाश स्थिर रहता है। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना के साथ-साथ भक्तों द्वारा अनेक धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाएंगे।
उपस्थित श्रद्धालु और मुख्य अतिथि
इस भव्य कार्यक्रम में कई प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे सुशील अग्रवाल, सुनील मनचंदा, आशु मित्तल, संजीव मित्तल, संजीव बंसल, शैलेश बंसल, राजेश उपाध्याय, संजय कुकरैजा, ओमप्रकाश अग्रवाल, शैलेन्द्र, नितेश अग्रवाल और अदिति गौरांगी सहित अन्य श्रद्धालु।
मंदिर में आयोजित कार्यक्रम ने न केवल धार्मिक भावना को प्रबल किया, बल्कि भक्तों के बीच प्रेम और एकता का संदेश भी फैलाया। इस्कॉन आगरा द्वारा आयोजित इस दीपदान महोत्सव ने सभी भक्तों को एक नई ऊर्जा और भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
निष्कर्ष
आगरा का इस्कॉन मंदिर इस्कॉन संगठन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां आयोजित होने वाले धार्मिक कार्यक्रम न केवल स्थानीय भक्तों को आकर्षित करते हैं, बल्कि दूर-दूर से आने वाले भक्तों को भी एकत्रित करते हैं। शरद पूर्णिमा का यह उत्सव एक बार फिर से भक्तों की आस्था को प्रगाढ़ करता है और उन्हें भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।
इस प्रकार, आगरा में शरद पूर्णिमा का यह महोत्सव सभी के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा, जिसमें भक्ति, प्रेम और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। आने वाले दिनों में भी इस्कॉन आगरा में ऐसे ही भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें सभी भक्तों को आमंत्रित किया गया है।