महोबा में देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान युवक की डूबने से मौत
रिज़वान | पनवाड़ी(महोबा), महोबाकुछ ही क्षण पहले
मृतक की फाइल फोटो।
महोबा जनपद में एक दुखद घटना घटी है, जहां देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान 30 वर्षीय धर्मेंद्र पुत्र हरनारायण राजपूत की नदी में डूबने से मौत हो गई। यह घटना नौगांव फदना स्थित विरमा नदी पर हुई। मृतक की पहचान ग्राम अलीपुरा निवासी के रूप में हुई है। घटना ने पूरे गांव को शोक में डाल दिया है।
धर्मेंद्र आज देवी प्रतिमा विसर्जन के लिए विरमा नदी पर गया था, जहां वह गहरे पानी में डूब गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत उसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया और उसे नदी से बाहर निकालने का प्रयास किया। प्रशासन भी मौके पर पहुंचा और स्थानीय लोगों के सहयोग से उसे बचाने की कोशिश की।
थाना प्रभारी अर्जुन सिंह और वरिष्ठ उपनिरीक्षक महेंद्र वर्मा ने धर्मेंद्र को पनवाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया। लेकिन वहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ज्योत्सना ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह सुनकर परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।
घटना की विस्तृत जानकारी और प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम डॉ. प्रदीप सिंह, सीओ रविकांत गौड़ और नायब तहसीलदार अभिषेक मिश्रा सीएचसी पहुंचे। अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्हें यह आश्वासन दिया गया है कि प्रशासन इस कठिन समय में उनके साथ है और वे पूरी सहायता प्रदान करेंगे।
धर्मेंद्र अपने माता-पिता की तीन संतानों में सबसे छोटा था। उसकी शादी 2019 में हुई थी और वह अपने पीछे पत्नी पुष्पा, एक 6 वर्षीय बेटे और 4 वर्षीय बेटी को छोड़ गया है। घटना के बाद, धर्मेंद्र के व्यवहार कुशल होने के कारण सीएचसी में परिचितों की भीड़ जमा हो गई। सभी उसकी आकस्मिक मौत पर शोक व्यक्त कर रहे थे।
इस घटना ने न केवल धर्मेंद्र के परिवार को बल्कि पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया है। लोग इस बात पर विचार कर रहे हैं कि ऐसे मौकों पर सुरक्षा उपायों की कमी के कारण कितनी दुखद घटनाएं घटित हो सकती हैं। स्थानीय प्रशासन ने इस घटना के बाद नदी किनारे सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का संकल्प लिया है।
नदी किनारे सुरक्षा उपायों की आवश्यकता
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि प्रशासन नदी किनारे सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करे। स्थानीय निवासियों ने सुझाव दिया है कि नदी किनारे चेतावनी संकेत लगाए जाएं और तैराकी के लिए उपयुक्त स्थानों का निर्धारण किया जाए। इसके अलावा, स्थानीय संगठनों को भी इस दिशा में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
- नदी किनारे सुरक्षा संकेत
- तैराकी के लिए सुरक्षित स्थानों का निर्धारण
- स्थानीय संगठनों के द्वारा जागरूकता कार्यक्रम
धर्मेंद्र की आकस्मिक मृत्यु ने सभी को यह सोचने पर मजबूर किया है कि हमें अपने प्रियजनों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और इस तरह की दुखद घटनाओं से बचने के लिए सामूहिक प्रयास करने चाहिए।