बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी अंतिम चरण में
बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। चीफ इलेक्शन कमिश्नर (CEC) ज्ञानेश कुमार आज प्रवर्तन एजेंसी के नोडल अधिकारियों एवं केंद्रीय पुलिस सशस्त्र बल (CRPF) के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे। इस बैठक में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी, जिसके बाद CEC प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव की प्रक्रिया को लेकर मीडिया को जानकारी देंगे।
इससे पहले, ज्ञानेश कुमार ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और बिहार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने चुनाव के फेज को लेकर सुझाव मांगे और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने EVM मशीनों, वीवी पैट की सुरक्षा और बूथों पर तैयारियों का गहन जायजा लिया।
चुनाव के फेज को लेकर भाजपा और जदयू की अलग राय
पटना के होटल ताज में हाल ही में हुई एक बैठक में, भाजपा ने 2 फेज में चुनाव कराने की मांग की, जबकि जदयू ने एक चरण में चुनाव कराने का समर्थन किया। जदयू का तर्क था कि बिहार में कानून-व्यवस्था और नक्सल जैसी समस्याएँ नहीं हैं, इसलिए चुनाव एक चरण में होना चाहिए। राजद और LJP (R) ने भी 2 फेज में चुनाव कराने की मांग की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “हमने मांग की है कि चुनाव 2 फेज में कराए जाएं। ज्यादा फेज होने से मतदाताओं को परेशानी होती है और उम्मीदवारों के खर्च भी बढ़ते हैं। बिहार भाजपा ने चुनाव की घोषणा के 28 दिन बाद चुनाव कराने का आग्रह किया है।”
राजद का पोस्टल वॉलेट और महिलाओं से संबंधित सुझाव
राजद ने चुनाव प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। पार्टी ने कहा है कि पोस्टल वॉलेट की गिनती के समय वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जानी चाहिए। इसके अलावा, राजद ने प्रस्ताव दिया है कि एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम अलग-अलग बूथों पर होने से होने वाली परेशानी को ध्यान में रखते हुए, सभी सदस्यों के नाम एक ही बूथ पर होना चाहिए।
राजद ने यह भी सुझाव दिया कि चुनाव से ठीक पहले महिलाओं के खातों में पैसे डालना एक प्रलोभन है और इसे रोका जाना चाहिए। यह सुझाव समाज में चुनावी भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में उठाया गया है।
पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव के दौरान पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की मांग की है। उन्होंने कहा, “अति पिछड़ा समाज वाले गांवों में पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया जाना चाहिए, विशेषकर दियारा, नदी और तालाब वाले क्षेत्रों में, जहां बूथ लूटने की अधिक संभावना होती है।”
उन्होंने यह भी कहा, “चुनाव आयोग से अनुरोध किया गया है कि जो वोटर पर्ची है, वो समय पर मतदाता को पहुँचाई जाए, लेकिन इसे पहचान का आधार नहीं बनाया जाए। इसके अलावा, वेबकास्टिंग और SMS के माध्यम से मतदाताओं को अलर्ट किया जाए।”
पिछले दो चुनावों में फेज और चुनाव की तारीखें
बिहार में पिछले दो चुनावों में कितने फेज में चुनाव हुए थे और कब-कब हुए, इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। यह जानकारी राजनीतिक दलों और अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे पिछले अनुभवों से सीख सकें और चुनाव प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बना सकें।
बिहार की राजनीति पर खेलें और जीतें
क्या आप बिहार की राजनीति के विशेषज्ञ हैं? अब आपके पास अपनी विशेषज्ञता दिखाने का मौका है! बिहार की राजनीति से जुड़े 5 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 2 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके।
चुनावी क्विज अभी खेलने के लिए [यहाँ क्लिक करें](https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb)!