धनतेरस, दीपावली महापर्व की शुरुआत का पहला दिन होता है। इस दिन, भक्तगण भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। भारतीय परंपरा के अनुसार, धनतेरस के अवसर पर नई वस्तुओं की खरीदारी करना समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग सोने-चांदी, नए बर्तनों और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को खरीदकर अपने घरों में सकारात्मक ऊर्जा और वैभव लाने का प्रयास करते हैं। लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य है कि सभी वस्तुएं इस दिन खरीदने के लिए शुभ नहीं होती हैं। भारतीय ज्योतिष और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ वस्तुओं की खरीदारी करने से आर्थिक स्थिति में कमी या समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। आइए, जानते हैं धनतेरस पर किन वस्तुओं को खरीदने से बचना चाहिए।
नाजुक या फिसलन वाली वस्तुएं
धनतेरस के दिन ऐसी वस्तुओं की खरीदारी से बचना चाहिए, जो नाजुक या शीघ्र टूटने वाली होती हैं। इनमें कांच या शीशे की वस्तुएं, तेल, घी, प्लास्टिक के सामान, खाली बर्तन और दवाइयां शामिल हैं।
कांच और प्लास्टिक की वस्तुएं अस्थिरता और असुरक्षा का संकेत देती हैं। वहीं, तेल और घी का प्रयोग फिसलन और क्षय का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, इन वस्तुओं को इस दिन खरीदना आर्थिक और मानसिक अस्थिरता का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा, खाली बर्तन खरीदना भी अशुभ समझा जाता है, क्योंकि यह जीवन में ‘रिक्तता’ और धन की कमी का प्रतीक होता है। दवाइयों या चिकित्सा से संबंधित वस्तुओं की खरीदारी भी इस दिन नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह रोग और कष्ट को आमंत्रित करने का संकेत मानी जाती हैं।
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धारदार, लोहे या नुकीली वस्तुएं
धनतेरस पर किसी भी प्रकार की काटने या छेद करने वाली वस्तुओं की खरीदारी से बचना चाहिए। इसमें चाकू, कैंची, ब्लेड, नेल कटर, लोहे के औजार और कोयले जैसी वस्तुएं शामिल हैं।
इन वस्तुओं को नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है। धारदार वस्तुएं जीवन में ‘विच्छेद’ या ‘कठोरता’ का संकेत देती हैं और घर के सौभाग्य को ‘काट’ देने का प्रतीक मानी जाती हैं। इसके अलावा, लोहे की वस्तुएं शनि ग्रह से जुड़ी होती हैं और शनि के प्रभाव के कारण इस दिन इन वस्तुओं को खरीदना आर्थिक अस्थिरता और विवाद का कारण माना गया है।
अशुभ रंग, पुरानी और नकली वस्तुएं
धनतेरस नई शुरुआत का प्रतीक है, इसलिए इस दिन पुरानी, नकली या अशुभ रंग की वस्तुओं की खरीदारी नहीं करनी चाहिए। इसमें काले रंग के कपड़े, बैग, जूते, पुराना या सेकंड हैंड फर्नीचर, नकली आभूषण, टिन जैसी धातुएं, झाड़ू, कचरा साफ करने की वस्तुएं और लकड़ी या ईंधन संबंधी सामग्री शामिल हैं।
काला रंग शनि से जुड़ा होता है और इसे नकारात्मक ऊर्जा का संकेत माना जाता है। पुराना या नकली सामान घर में अस्थिरता और अशुभता लाता है। इसी प्रकार, झाड़ू या कचरा साफ करने की वस्तुएं लक्ष्मी के घर से जाने का प्रतीक मानी जाती हैं, इसलिए इन्हें भी इस दिन नहीं खरीदना चाहिए।
धनतेरस पर सकारात्मकता का महत्व
धनतेरस पर की जाने वाली पूजा और वस्तुओं की खरीदारी में सकारात्मकता का विशेष महत्व होता है। इस दिन की गई गलतियों से न केवल आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है, बल्कि यह मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर भी असर डाल सकती है। इसलिए, इस दिन सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
धनतेरस पर खरीदारी करते समय ध्यान रखें कि आप सकारात्मक ऊर्जा को अपने घर में आमंत्रित करें। नई वस्तुओं का चयन करें जो आपके जीवन में खुशियों और समृद्धि का संचार करें। इस दिन को शुभ बनाने के लिए पहले से ही इन बातों का ध्यान रखकर आप अपने और अपने परिवार के लिए एक सुखद भविष्य की नींव रख सकते हैं।