भोपाल में मतदाता संख्या में वृद्धि, 22 साल में दोगुने हुए मतदाता
भोपाल में पिछले 22 वर्षों में मतदाता संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। साल 2003 में यहाँ कुल 11.81 लाख मतदाता थे, जो अब बढ़कर 21.18 लाख से अधिक हो गए हैं। इस वृद्धि के साथ ही, जिले में कुल 2029 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) अब डोर-टू-डोर सर्वे करने के लिए तैयार हैं। इसके लिए बुधवार को दो महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित की गईं।
इन बैठकों का उद्देश्य निर्वाचन नामवली के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत जानकारी साझा करना था। भोपाल कलेक्टोरेट में हुई स्टेंडिंग कमेटी की बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि आगामी विशेष गहन पुनरीक्षण के संबंध में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई। इस बैठक में फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता सूची का सार्वजनिक प्रकाशन भी किया गया, जिससे जनता को सही जानकारी मिल सके। इस प्रक्रिया के तहत 17 अक्टूबर तक दावे और आपत्ति प्राप्त किए जाएंगे।
डोर-टू-डोर सर्वे का महत्व
डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान, जिले के सभी 2029 बूथ लेवल ऑफिसर को मतदाता सूची का शुद्धिकरण करना होगा। जिन परिवारों के नाम 2003 की मतदाता सूची में दर्ज हैं, उन्हें यथास्थिति माना जाएगा। हालांकि, 2003 के बाद मतदाता सूची में जुड़े परिवारों को अपने नाम को सूची में दर्ज कराने के लिए दो से तीन आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
मतदाता सूची की गड़बड़ी को समाप्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन करते हुए मतदाताओं से फार्म-6, फार्म-7 और फार्म-8 भरवाने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी नए मतदाता सही तरीके से पंजीकृत हों। इसके साथ ही, एसआईआर के पूर्व बीएलओ का विधानसभा स्तर पर संपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया जा चुका है, जिससे उन्हें अपने कार्य में दक्षता प्राप्त हो सके।
विधानसभा क्षेत्रों की संख्या में वृद्धि
वर्ष 2003 में भोपाल में कुल 4 विधानसभाएं थीं, जिनमें गोविंदपुरा, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल उत्तर और बैरसिया शामिल थे। वर्तमान में, इनकी संख्या बढ़कर 7 हो गई है। नई विधानसभा क्षेत्रों में बैरसिया, भोपाल उत्तर, भोपाल दक्षिण-पश्चिम, भोपाल मध्य, गोविंदपुरा और हुजुर शामिल हैं। इस परिवर्तन के साथ, मतदाता संख्या में भी एक महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिली है।
2003 में कुल मतदाता संख्या 11 लाख 81 हजार 531 थी, जो वर्तमान में बढ़कर 21 लाख 18 हजार 364 हो गई है। यह वृद्धि न केवल निर्वाचन प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोकतंत्र के प्रति नागरिकों की बढ़ती जागरूकता और भागीदारी को भी दर्शाती है।
मतदाता जागरूकता और भविष्य की चुनौतियाँ
भोपाल में बढ़ती मतदाता संख्या के साथ, निर्वाचन आयोग को चुनौतियों का सामना भी करना होगा। नए मतदाताओं को सही तरीके से पंजीकरण कराना, पुराने मतदाताओं की जानकारी को अद्यतन करना और मतदाता जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करना आवश्यक है। इसके लिए अधिकारियों को स्थानीय समुदाय के साथ मिलकर कार्य करना होगा ताकि सभी नागरिक मतदान प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी कर सकें।
इस प्रकार, भोपाल में मतदाता संख्या में वृद्धि और डोर-टू-डोर सर्वे की प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों और राजनीतिक दलों को एकजुट होकर काम करना होगा। इससे न केवल सही जानकारी का संकलन होगा, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी मजबूती मिलेगी।