राजस्थान में बिजली पोल लगाने का विवाद: ग्रामीणों ने जताई चिंता
जयपुर बिजली वितरण निगम की ओर से ताला-दंताला सड़क पर बिजली के पोल लगाने का मामला सामने आया है। यह कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) की रोक के बावजूद किया जा रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता की लहर दौड़ गई है।
जानकारी के अनुसार, पोल लगाने का काम ढेकला के समीप स्थित सोलर प्लांट से ताला जीएसएस में बिजली आपूर्ति के लिए नई बिजली लाइन बिछाने के संबंध में किया जा रहा है। निगम द्वारा ताला-दंताला रोड पर सड़क सीमा के भीतर पोल लगाए जा रहे हैं, जो कि सानिवि के अधिकारियों के निर्देशों का उल्लंघन है।
सरपंच और ग्रामीणों ने उठाई आवाज
दंताला मीणा के सरपंच मुकेश मीणा सहित स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क किनारे पोल लगाने पर हादसे की आशंका जताते हुए सानिवि के अधिकारियों से शिकायत की थी। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क किनारे लगे ये पोल न केवल यातायात के लिए खतरा बने हुए हैं, बल्कि इससे सड़क पर चलने वाले लोगों की सुरक्षा भी प्रभावित हो रही है।
इस मामले में सानिवि के सहायक अभियंता जमवारामगढ़, अमित शर्मा ने ठेकेदार और निगम अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे सड़क सीमा में पोल लगाने का काम रोकें और इसे सड़क सीमा से बाहर लगाने का कार्य करें। लेकिन, इन निर्देशों के बावजूद निगम के ठेकेदारों ने लगातार काम जारी रखा, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
ग्रामीणों की सुरक्षा पर सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क सीमा में लगे इन पोलों से हर समय हादसे का खतरा बना रहता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से मांग की है कि सड़क सीमा में लगे पोलों को हटाया जाए, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस मामले में स्थानीय निवासियों की चिंताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
- सड़क पर पोल लगाना: स्थानीय लोगों के लिए खतरा
- सरपंच की शिकायत: अधिकारियों से की गई थी
- काम जारी: निगम के ठेकेदारों ने निर्देशों की अनदेखी की
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
इस विवाद में स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। अगर उन्हें शिकायतें मिली हैं, तो उन्हें उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी कार्य कानून और सुरक्षा मानकों के अनुरूप हों।
ग्रामीणों की आवाज़ को सुनना और उनकी समस्याओं का समाधान करना स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है। यदि इस मुद्दे को समय रहते नहीं सुलझाया गया, तो यह स्थानीय निवासियों के लिए गंभीर समस्या बन सकती है।
इस प्रकार के मुद्दे केवल एक ही क्षेत्र में नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में देखने को मिलते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि प्रशासन इस प्रकार के मामलों में सख्ती से कार्रवाई करे और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।
ग्रामीणों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, उम्मीद है कि प्रशासन इस मामले पर शीघ्र कार्रवाई करेगा और बिजली वितरण निगम को निर्देश देगा कि वे कार्य को सुरक्षित तरीके से आगे बढ़ाएं।