बिहार में एनसीसी कैम्प का आयोजन, कैडेटों ने गिरियक डैम का आनंद लिया
हाल ही में आयोजित ऑल इंडिया राजगीर ट्रैक 2025 के तहत, लगभग 510 कैडेट विभिन्न राज्यों से नालंदा पहुंचे हैं। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य कैडेटों को विभिन्न पर्यटन स्थलों का अनुभव कराना और उन्हें देश की संस्कृति से अवगत कराना है। शुक्रवार को, कैडेटों ने नालंदा के प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा किया, जिसमें गिरियक डैम और नालंदा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी शामिल थे। इन स्थलों पर जाकर कैडेटों ने प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव किया और ऐतिहासिक महत्व को समझा।
कैंप प्रबंधन ने बेहतर व्यवस्थापन के लिए कैडेटों को दो समूहों में बाँट दिया। पहले समूह को गिरियक डैम की यात्रा कराई गई, जहाँ उन्होंने अद्भुत प्राकृतिक छटा का लुत्फ उठाया। वहीं, दूसरे समूह को नालंदा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ले जाया गया, जो प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। इस ज्ञान की भूमि को देखकर कैडेटों के चेहरे पर ख़ुशी और उत्साह साफ नजर आया।
बिहार-झारखंड का खेलों में दबदबा
कैंप के दौरान आयोजित खेल प्रतियोगिताओं में बिहार और झारखंड के कैडेटों ने शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने वॉलीबॉल के फाइनल मुकाबले में उत्तर प्रदेश निदेशालय को हराकर ट्रॉफी अपने नाम की। यह मुकाबला बेहद रोमांचक था, जिसमें स्थानीय खिलाड़ियों ने अपनी उत्कृष्ट खेल कौशल का परिचय देते हुए जीत हासिल की।
इससे पहले, रस्साकशी प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला शनिवार को आयोजित किया जाएगा। इस प्रतियोगिता में उत्तर पूर्वी राज्यों के कैडेट और उत्तर प्रदेश निदेशालय के कैडेट आमने-सामने होंगे। सभी खेल प्रतियोगिताओं का संचालन हवलदार भीम बुद्ध और एम बहादुर अधिकारी के कुशल नेतृत्व में किया जा रहा है।
नालंदा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी का भी दौरा हुआ है।
कैंप में सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारियों की भी जोरदार गतिविधि चल रही है। जीसीआई प्रीति कुमारी और एनसीसी के पदाधिकारी मधुकांत के मार्गदर्शन में कैडेट विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का अभ्यास कर रहे हैं। इस प्रतियोगिता में देशभर से आए कैडेट अपने-अपने राज्यों की संस्कृति को गीत, संगीत और नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे। यह कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक विविधता और एकता का अनूठा प्रदर्शन होगा।
कैम्प का महत्व और सफलता में योगदान
कैंप कमांडेंट कर्नल राजेश बाहरी ने बताया कि यह कैंप कैडेटों के लिए एक ऐतिहासिक अनुभव साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस कैंप के माध्यम से कैडेट न केवल ज्ञान अर्जित करेंगे, बल्कि भाईचारा, एकता और राष्ट्रीय मूल्यों को भी आत्मसात करेंगे। नालंदा जैसी ऐतिहासिक भूमि पर आयोजित यह कैंप उनके व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कैंप की सफलता में सूबेदार मेजर नरेंद्र टीका, सूबेदार सुरेंद्र सिंह, रूपेश गुरु, राजकुमार सर सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उनकी मेहनत और समर्पण के कारण यह आयोजन सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। इस प्रकार के आयोजनों से कैडेटों में न केवल शारीरिक विकास होता है, बल्कि वे एक दूसरे के साथ मिलकर काम करना और टीम भावना को भी समझते हैं।
निष्कर्ष
बिहार में आयोजित यह एनसीसी कैम्प न केवल कैडेटों के लिए एक सीखने का अनुभव है, बल्कि यह उन्हें राष्ट्रीय एकता और संस्कृति से भी जोड़ने का कार्य कर रहा है। इस प्रकार के आयोजनों से युवाओं को अपने देश के प्रति गर्व महसूस होता है और वे भविष्य में बेहतर नागरिक बनने की प्रेरणा लेते हैं।