RSS विजयादशमी उत्सव: मंडला में पथ संचलन, प्रेमशंकर सिदार का बयान – “हिंदू समाज संगठित होगा तो देश सशक्त बनेगा”



मध्य प्रदेश समाचार: मंडला नगर में विजयादशमी उत्सव का भव्य आयोजन मंडला नगर में सोमवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विजयादशमी उत्सव का…

RSS विजयादशमी उत्सव: मंडला में पथ संचलन, प्रेमशंकर सिदार का बयान – “हिंदू समाज संगठित होगा तो देश सशक्त बनेगा”

मध्य प्रदेश समाचार: मंडला नगर में विजयादशमी उत्सव का भव्य आयोजन

मंडला नगर में सोमवार शाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विजयादशमी उत्सव का आयोजन अष्टविनायक लॉन में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक शस्त्र पूजन से हुआ, जिसमें स्थानीय श्रद्धालुओं और स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में विशेष रूप से मध्य क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचारक प्रेमशं सिदार ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और उन्होंने इस अवसर पर अपने विचार साझा किए।

अपने उद्बोधन में सिदार ने कहा कि जिस प्रकार भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय प्राप्त करने से पहले शक्ति की आराधना की थी, उसी प्रकार समाज को भी अपनी शक्ति का संवर्धन करना चाहिए। उन्होंने भारत को हिंदू भूमि और मातृभूमि बताते हुए कहा कि इसकी पूजा की परंपरा केवल यहाँ मिलती है। सिदार ने जोर देकर कहा कि यदि हिंदू समाज संगठित होगा, तो देश पुनः अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकेगा।

समाज की सज्जन शक्ति का महत्व

सिदार ने आगे कहा कि जिस राष्ट्र में लोकशक्ति और सज्जनशक्ति जागृत होती है, वही राष्ट्र सशक्त और आत्मनिर्भर बनता है। उन्होंने इस शक्ति को दीनदयाल उपाध्याय द्वारा ‘चिति’ और स्वामी विवेकानंद द्वारा ‘धर्म’ कहे जाने का उल्लेख किया। उनके अनुसार, जब यह शक्ति जागृत होती है, तो समाज अपनी कमियों को स्वयं दूर करने में सक्षम हो जाता है।

कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए सिदार ने संघ के इतिहास का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बताया कि देश विभाजन के समय स्वयंसेवकों ने निःस्वार्थ सेवा की थी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संघ पर प्रतिबंध के दौरान 73,000 स्वयंसेवक जेल गए, लेकिन संघ ने राष्ट्रकार्य से कभी मुंह नहीं मोड़ा।

समाज सुधार और अनुशासन की आवश्यकता

सिदार ने कहा कि शताब्दी वर्ष केवल उत्सव का अवसर नहीं है, बल्कि यह समाज की सज्जन शक्ति को राष्ट्रनिर्माण में लगाने का समय है। उन्होंने संयुक्त परिवार, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी अपनाने और कानून पालन को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया। अपने संबोधन का समापन करते हुए उन्होंने कहा, “अनुशासन में ही समाज की प्रगति निहित है।”

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि किशोर काल्पिवार, जिला संघचालक और नगर संघचालक भी उपस्थित थे। उद्बोधन के पश्चात, गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने नगर के प्रमुख मार्गों से अनुशासित पथ संचलन निकाला। नगरवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया, जिससे पूरा शहर राष्ट्रभक्ति के जयघोष से गूंज उठा।

पथ संचलन की तस्वीरें

पथ संचलन की अन्य तस्वीरें…

पथ संचलन के दौरान के दृश्य
कार्यक्रम में भाग लेते स्वयंसेवक
नगर में पथ संचलन का दृश्य
पथ संचलन के दौरान नगरवासियों का उत्साह

इस प्रकार, मंडला नगर में विजयादशमी उत्सव ने न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट किया बल्कि समाज के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करने का भी एक अवसर प्रदान किया।

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