चूरू में 15 वर्षीय नाबालिग का अपहरण: रिश्तेदार पर लगाया आरोप
राजस्थान के चूरू जिले में एक बेहद च shocking मामला सामने आया है, जहां एक **15 वर्षीय नाबालिग लड़की** का अपहरण उसके ही रिश्तेदार द्वारा किया गया है। घटना चूरू के सदर थाना क्षेत्र के गांव घंटेल की है, जहां लड़की के पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, नाबालिग के पिता ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि वह अपने परिवार के साथ पिछले एक महीने से मजदूरी के लिए एक गांव में झुग्गी में रह रहे थे। **6 अक्टूबर** की रात को, परिवार के सभी सदस्य खाना खाकर सो गए थे। जब वे अगले दिन सुबह उठे, तो उनकी 15 वर्षीय बेटी झुग्गी में नहीं मिली।
परिवार के सदस्यों ने आसपास खोजबीन की, तब उन्हें पता चला कि उनकी बेटी को एक रिश्तेदार का बेटा बहला-फुसलाकर ले गया है। यह सुनकर पीड़ित पिता ने आशंका व्यक्त की कि आरोपी उनकी नाबालिग बेटी के साथ कोई **अनहोनी** कर सकता है। ऐसे में, उन्होंने तुरंत सदर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की कार्रवाई
सदर थानाधिकारी **बलवंत सिंह** ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं और जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले की जांच उन्हें सौंपी गई है और सभी आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
अपहरण की इस घटना ने न केवल पीड़ित परिवार को बल्कि पूरे गांव को भी हिला कर रख दिया है। लोग इस घटना को लेकर चिंतित हैं और उनकी मांग है कि आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ा जाए। स्थानीय समुदाय ने पुलिस से अपील की है कि वह जल्द से जल्द नाबालिग को सुरक्षित वापस लाने के लिए सभी संभव प्रयास करे।
समुदाय की प्रतिक्रिया
गांव में इस घटना के बाद से लोग भयभीत हैं। कई लोगों ने इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। स्थानीय नेता और सामाजिक कार्यकर्ता भी इस घटना पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल एक परिवार को प्रभावित करती हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए खतरा बन जाती हैं।
- नाबालिग का अपहरण रिश्तेदार द्वारा किया गया।
- पिता ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत।
- पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
- गांव में भय और चिंता का माहौल।
इस घटना ने यह सवाल उठाया है कि क्या समाज में ऐसे रिश्तेदारों पर भरोसा करना सुरक्षित है, जो इस प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं। स्थानीय निवासी अब ऐसे मामलों में सतर्क रहने का संकल्प ले रहे हैं और एकजुट होकर अपनी बेटियों की सुरक्षा के लिए आवाज उठाने का निर्णय लिया है।
निष्कर्ष
चूरू में 15 वर्षीय नाबालिग का अपहरण एक गंभीर मुद्दा है, जिसके पीछे परिवारिक रिश्तों की जटिलताएं भी छिपी हो सकती हैं। इस घटना ने यह दर्शाया है कि समाज में सुरक्षा के लिए कितनी सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करें ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों।
पूरे चूरू जिले के लोग अब इस मामले की ओर ध्यान दे रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि नाबालिग को जल्दी से जल्दी सुरक्षित वापस लाया जाएगा।