श्रीगंगानगर में बेरोजगार युवकों के साथ साइबर ठगी का मामला
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के बुधरवाली गांव में आठ बेरोजगार युवकों के साथ एक चौंकाने वाली साइबर ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने इन युवकों को **हर महीने 3,000 रुपए की स्कॉलरशिप** दिलाने का झांसा देकर उनके बैंक अकाउंट्स खुलवाए और फिर उन्हें लाखों रूपए का ठगा। यह मामला तब उजागर हुआ जब युवकों को विभिन्न पुलिस थानों से नोटिस मिले, जिससे उन्हें ठगी का पता चला।
ठगी का तरीका: स्कॉलरशिप का लालच
युवकों ने एसीजेएम कोर्ट, सादुलशहर में अपनी शिकायत में बताया कि वे सभी बेरोजगार हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। मुख्य आरोपी **रमेश कुमार**, जो बुधरवाली का निवासी है, ने जनवरी 2025 में उनसे कहा कि बैंक में उसकी जान-पहचान है और वह उन्हें सरकारी योजना का लाभ दिला सकता है। इसके बाद, उसने युवकों से उनके आधार कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो लेकर विभिन्न बैंकों में ऑनलाइन वीडियो केवाईसी के जरिए अकाउंट्स खुलवाने का कार्य किया।
बैंक अकाउंट्स में धोखाधड़ी
युवकों के बैंक अकाउंट्स में उनके मोबाइल नंबर की बजाय आरोपियों के नंबर दर्ज किए गए, जिसके कारण उन्हें न तो एटीएम कार्ड प्राप्त हुए और न ही लेन-देन की कोई जानकारी। जब उन्हें गुजरात के पारडी और पश्चिम बंगाल के चंदननगर पुलिस थानों से नोटिस मिले, तब उन्होंने बैंक स्टेटमेंट निकलवाने का फैसला किया। इस जांच में पाया गया कि उनके अकाउंट्स में **2.36 करोड़ रुपए** से अधिक का लेन-देन हुआ है।
मुख्य आरोपी की धमकी और गैंग का खुलासा
जब युवकों ने रमेश कुमार से इस बारे में पूछताछ की, तो उसने धमकी देते हुए कहा कि वह एक संगठित साइबर ठगी सिंडिकेट का हिस्सा है। रमेश ने युवकों को बताया कि उनकी गैंग राजस्थान और अन्य राज्यों में करोड़ों रुपए की ठगी कर चुकी है। युवकों के अनुसार, रमेश ने उन्हें चुप रहने की भी धमकी दी। इस प्रकार यह स्पष्ट हुआ कि युवकों को ठगने के लिए एक सुनियोजित योजना बनाई गई थी।
साइबर पुलिस की कार्रवाई
फिलहाल, श्रीगंगानगर साइबर पुलिस थाना ने मुख्य आरोपी रमेश कुमार, राधेश्याम और रहिस खान के खिलाफ साइबर ठगी का मामला दर्ज कर लिया है। मामले की जांच **साइबर डीवाईएसपी कुलदीप वालिया** द्वारा की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में और भी गहराई से जांच करने की योजना बनाई है ताकि अधिक से अधिक ठगी के मामलों का खुलासा किया जा सके।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
- कभी भी अनजान व्यक्तियों से ऑनलाइन स्कॉलरशिप या नौकरी के प्रस्तावों पर विश्वास न करें।
- अपने व्यक्तिगत दस्तावेजों को किसी के साथ साझा करने से पहले पूरी तरह से जांच करें।
- बैंक अकाउंट्स के लेन-देन की नियमित रूप से निगरानी करें।
- यदि आपको कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि साइबर ठगी अब एक गंभीर समस्या बन चुकी है और इसके प्रति जागरूकता आवश्यक है। युवकों की चूक के कारण न केवल उनकी मेहनत का पैसा बर्बाद हुआ, बल्कि उनका भविष्य भी दांव पर लग गया। ऐसे मामलों में सरकार और पुलिस की ओर से सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि युवकों को इस प्रकार की ठगी से बचाया जा सके।